
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। अयोध्या में राम मंदिर बनवाने के बाद अब मोदी सरकार बिहार में मां सीता का मंदिर बनवाने जा रही है। सीता मां के मंदिर को जनकी मंदिर कहा जाता है। श्री राम की पत्नी सीता मां का मयका जनकपुर में था। इस लिए मां सीता का बिहार-नेपाल के तरफ खास कनेक्शन कहा जाता है। यहां के लोग मां सीता की आराधना करते हैं। उन्हें अपनी देवी मानते हैं। अब ,सरकार ने भी लोगों की धार्मिक मान्यताओं का ध्यान रखते हुए जनक मंदिर बनाने का फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार में सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम में जानकी मंदिर के पुनर्विकास की परियोजना की शुक्रवार को आधारशिला रखेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीतामढ़ी को देवी सीता की जन्मस्थली माना जाता है। अधिकारियों ने बताया कि 882.87 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इस परियोजना के शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कई केंद्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे।राज्य मंत्रिमंडल ने मंदिर परिसर के एकीकृत विकास के लिए एक जुलाई को 882.87 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। कुल राशि में से 137 करोड़ रुपये पुराने मंदिर और उसके परिसर के विकास पर खर्च किए जाएंगे जबकि 728 करोड़ रुपये पर्यटन संबंधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इसके अलावा, 10 वर्षों तक व्यापक रखरखाव पर 16 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (बीएसटीडीसी) इस परियोजना का क्रियान्वयन करेगा। राज्य सरकार ने हाल में मंदिर के निर्माण और पुनर्विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय न्यास का गठन किया है।हाल ही में अमित शाह मंगलवार को भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री बन गए हैं। 30 मई, 2019 को पद संभालने के बाद से 2,258 दिनों तक पद पर रहने के साथ, शाह ने अब वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। शाह के कार्यकाल ने कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद बल्लभ पंत को भी पीछे छोड़ दिया है, जिससे वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में एक प्रमुख स्तंभ के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हो गई है। संयोग से, शाह ने यह उपलब्धि 5 अगस्त को हासिल की, जिस दिन उन्होंने 2019 में संसद में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की घोषणा की, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया। अमित शाह से पहले, गृह मंत्री के रूप में सबसे लंबे कार्यकाल की सेवा करने वाले नेताओं में कांग्रेस नेता गोविंद बल्लभ पंत और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता लाल कृष्ण आडवाणी शामिल हैं। इसकी तुलना में, अमित शाह 30 मई, 2019 से गृह मंत्री के रूप में कार्यरत हैं और 4 अगस्त, 2025 तक वे अपने कार्यकाल के 2,258 दिन पूरे कर लेंगे।