
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान के सीतापुर जेल से रिहा होने के कुछ मिनट बाद पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादियों को विश्वास है कि अदालत न्याय करेगी और पार्टी को उम्मीद है कि आने वाले समय में कोई भी झूठा मामला दर्ज नहीं किया जाएगा और भाजपा द्वारा कोई अन्याय नहीं किया जाएगा। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा नेता आजम खान जेल से रिहा हो गए हैं। मैं इसके लिए न्यायालय का आभार व्यक्त करता हूँ। हम समाजवादियों को विश्वास था कि न्यायालय न्याय करेगा। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में भाजपा द्वारा कोई भी झूठा मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा और कोई अन्याय नहीं होगा; एक अधिकारी को लगातार सेवा विस्तार दिया जा रहा था। यह समाजवादियों के लिए खुशी की बात है कि वह रिहा हो गए हैं।समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के खिलाफ सभी मामलों में जारी जमानत वारंट पर कहा कि सरकार ने आजम खान को गलत केस में फंसाया है लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत दी है। इसके लिए हम कोर्ट का स्वागत करते हैं… उन पर सैकड़ों केस लगाए गए हैं। समाजवादी पार्टी उनकी पूरी मदद कर रही है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की रिहाई लंबित अदालती कार्यवाही के कारण टल गई है और अब दिन में बाद में होने की उम्मीद है। आजम की रिहाई मंगलवार को तड़के होनी थी। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। सपा में यूपी के बड़े चेहरे के तौर पर आजम का अपना सियासी रसूख है। जिसके दम पर वह रामपुर ही नहीं आसपास के जनपदों की तमाम सीटों पर प्रत्याशी का फैसला लेते रहे हैं। रामपुर में कौन प्रत्याशी होगा, इसका तो ऐलान भी लखनऊ के बजाय आजम खां के रामपुर कार्यालय से होता रहा है। लेकिन, अक्तूबर 2023 में उनके जेल चले जाने के बाद उनके विरोधी न सिर्फ सक्रिय हुए बल्कि, सियासी और आर्थिक तौर पर मजबूत भी हुए। बावजूद इसके आजम के कद को नहीं घटा पाए। पार्टी समर्थकों के साथ आजम के बड़े बेटे अदीब सुबह से ही सीतापुर जिला कारागार के बाहर उनका स्वागत करने के लिए मौजूद हैं। अदीब ने पत्रकारों को बताया, आजम खान आज के नायक हैं। मैं सभी समर्थकों के साथ उनका स्वागत करने आया हूं।सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे और कुछ नहीं कहना है। जो कुछ भी कहना होगा, मेरे पिता जेल से बाहर आने के बाद कहेंगे। कई मामलों का सामना कर रहे आजम खान के लगभग दो साल की कैद के बाद जमानत पर जेल से बाहर आने की उम्मीद है। जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सीतापुर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी, लेकिन बड़ी संख्या में समर्थक अपने वाहनों के साथ जेल के पास पहुंचने में कामयाब रहे।