राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। उज्ज्वल निकम ने दावा किया कि अगर संजय दत्त ने 1993 में AK-47 से भरी वैन की जानकारी पुलिस को दी होती तो मुंबई बम धमाके टल सकते थे। निकम ने संजय को सीधा-सादा बताया और कोर्ट में उनकी बातचीत का खुलासा किया।मुंबई बम धमाकों की सुनवाई में विशेष सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम ने एक बड़ा दावा किया है उनका कहना है कि अगर अभिनेता संजय दत्त ने AK-47 से भरी वैन की जानकारी पुलिस को दी होती, तो साल 1993 के मुंबई बम धमाके रोके जा सकते थे। इस हमले में 267 लोगों की जान गई थी और देश की सबसे बड़ी आतंकी घटनाओं में से एक के रूप में इसे याद किया जाता है।ज्ज्वल निकम अब राष्ट्रपति की सिफारिश पर राज्यसभा में जा रहे हैं, ऐसे में उन्होंने ये एनडीटीवी के एक इंटरव्यू में कहा कि संजय दत्त ने हथियार रखने का अपराध तो किया था, लेकिन उन्होंने कभी AK-47 का इस्तेमाल नहीं किया। उनका इरादा आतंक फैलाना नहीं था, बल्कि वह सिर्फ हथियारों की तरफ आकर्षित थे। निकम ने कहा कि उसने कानून की नजर में अपराध किया, लेकिन वह एक सीधा-सादा आदमी है। मैंने उसे निर्दोष माना।
संजय दत्त ने यहां की चूक
निकम ने बताया कि धमाके से कुछ दिन पहले ही अबू सलेम संजय दत्त के घर एक वैन लेकर आया था, जिसमें ग्रेनेड और AK-47 जैसे हथियार थे। संजय दत्त ने कुछ हथियार लिए, फिर लौटाकर केवल एक AK-47 अपने पास रख ली। अगर उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी होती, तो जांच शुरू होती और शायद 12 मार्च, 1993 के धमाके टल जाते।
कोर्ट ने टाडा से बरी किया
साल 1993 के मामले में अदालत ने संजय दत्त को आतंकवाद विरोधी कानून TADA से तो बरी कर दिया था, लेकिन आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया। सुप्रीम कोर्ट ने बाद में उनकी छह साल की सजा घटाकर पांच साल कर दी थी। उन्होंने यह सजा पुणे की यरवदा जेल में पूरी की।
कोर्ट में निकम और संजय दत्त की बातचीत का खुलासा
निकम ने पहली बार उस बातचीत का खुलासा किया, जो उन्होंने संजय दत्त से कोर्ट में की थी। उन्होंने कहा कि सजा सुनाए जाने के बाद संजय दत्त का हावभाव बदल गया था और वह सदमे में आ गए थे। निकम ने उन्हें समझाया कि संजय, ऐसा मत करो। मीडिया देख रहा है। तुम अभिनेता हो। अगर डरे दिखे, तो लोग तुम्हें दोषी मानेंगे। अपील का विकल्प है। संजय ने जवाब दिया यस सर, यस सर।
अजमल कसाब पर निकम का ‘बिरयानी’ बयान
26/11 हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब पर भी निकम ने बड़ा केस लड़ा था। उस समय उनके बिरयानी वाले बयान ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। अब निकम ने कहा कि कसाब ने सच में बिरयानी की मांग की थी, लेकिन इस मुद्दे को बाद में राजनीतिक रंग दे दिया गया। लंबे समय तक देश के अहम मामलों में वकालत कर चुके उज्ज्वल निकम अब राजनीति में कदम रख रहे हैं। राष्ट्रपति की सिफारिश पर उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।

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