राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद जिस छोटे से द्वीप समूह ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं, वही बिट्रा द्वीप अब एक बार फिर चर्चा में है। इस बार कारण पर्यटन या प्राकृतिक सौंदर्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा है। हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि इस द्वीप को अब सुरक्षा कारणों से अधिग्रहित किया जाएगा। हम आपको बता दें कि लक्षद्वीप द्वीपसमूह के केवल 10 द्वीप ही ऐसे हैं जहां आबादी बसती है। उनमें से एक है बिट्रा, जो भले ही भौगोलिक रूप से छोटा हो, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से इसका महत्व अत्यंत बड़ा है। हिंद महासागर में भारत की नौसैनिक मौजूदगी और समुद्री निगरानी के लिहाज से यह द्वीप बेहद अहम है। खासतौर पर चीन जैसे देश की बढ़ती समुद्री गतिविधियों को देखते हुए मोदी सरकार का मानना है कि बिट्रा को सैन्य दृष्टि से विकसित करना जरूरी है।हम आपको बता दें कि 11 जुलाई 2025 को लक्षद्वीप प्रशासन के राजस्व विभाग ने इस संबंध में सामाजिक प्रभाव आकलन (Social Impact Assessment – SIA) के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत बिट्रा द्वीप के अधिग्रहण से वहां के समाज, संस्कृति, पर्यावरण और निवासियों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका अध्ययन किया जाएगा। हालांकि प्रशासन साफ कर चुका है कि ग्राम सभा या जमीन मालिकों की सहमति अनिवार्य नहीं है। लेकिन लक्षद्वीप के सांसद हमदुल्ला सईद ने इस प्रस्ताव का राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर विरोध करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि “बिट्रा जैसे पारंपरिक और शांत द्वीप को अचानक सैन्य जरूरतों के नाम पर खाली कराने की कोशिश न केवल स्थानीय लोगों के हक के खिलाफ है, बल्कि इससे सामाजिक अशांति भी फैलेगी।” सांसद सईद का आरोप है कि सरकार ने स्थानीय लोगों से कोई राय या सलाह नहीं ली और सीधे-सीधे अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी।वहीं प्रशासन का कहना है कि हिंद महासागर में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह द्वीप बेहद संवेदनशील है। भविष्य में यहां किसी भी प्रकार की रक्षा सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं ताकि भारत अपनी समुद्री सीमाओं को और मज़बूत बना सके। हम आपको यह भी याद दिला दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद लक्षद्वीप को ‘टूरिज्म बनाम डिफेंस’ के द्वंद्व में देखा जाने लगा है। हाल के वर्षों में सरकार ने लक्षद्वीप को ‘ट्रांजिट हब’ और ‘नेवी फॉरवर्ड पोस्ट’ के रूप में विकसित करने की योजनाएं बनाई हैं। बिट्रा द्वीप पर नजर डालें तो इसकी भौगोलिक स्थिति इसे अरब सागर में भारत की रणनीतिक पकड़ को और मजबूत करने में सहायक बना सकती है।

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