ब्रिटेन सरकार ने प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा और उससे जुड़े चरमपंथी नेटवर्क पर  कड़े प्रतिबंधों का ऐलान किया है जिसका भारत ने स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इसे आतंकवाद और अवैध वित्तीय गतिविधियों के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। MEA के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि लंदन द्वारा उठाया गया यह कदम उन व्यक्तियों और संगठनों को निशाना बनाता है, जो भारत-विरोधी उग्रवादी गतिविधियों में शामिल हैं। उन्होंने कहा “यूके सरकार द्वारा उठाए गए कदम वैश्विक आतंकवाद, उग्रवाद और अवैध वित्तीय प्रवाह को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। ऐसे व्यक्ति सिर्फ भारत और यूके के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं।”

भारत ने कहा कि वह यूके के साथ काउंटर-टेररिज़्म सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में मिलकर काम करेगा। यूके सरकार ने पिछले सप्ताह खालिस्तानी उग्रवादी समूहों के फंडिंग नेटवर्क को तोड़ने के लिए कई कड़े कदम उठाए। बब्बर खालसा से जुड़े गुरप्रीत सिंह रिहाल की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया। रिहाल पर डायरेक्टर डिसक्वालिफिकेशन लगाया गया। बब्बर अखाली लहर के खिलाफ भी एसेट फ्रीज का आदेश जारी। यूके ट्रेज़री के अनुसार, रिहाल और उसके नेटवर्क पर आरोप हैं कि वे आतंकवाद को बढ़ावा देने, भर्ती गतिविधियां चलाने, हथियारों और सैन्य सामग्री खरीदने, वित्तीय सेवाएं और सहायता देने जैसी गतिविधियों में शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *