
प्रयागराज : महाकुंभ में अब तक 34 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं, जिनमें से कई यहां ठहरे हुए हैं। इतनी बड़ी संख्या के बावजूद आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षित प्रबंधन ने इसे वैश्विक अध्ययन का विषय बना दिया है। आधुनिक तकनीक के उपयोग ने इस धार्मिक आयोजन को अभूतपूर्व बना दिया है।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री महाकुंभ को डिजिटल युग के अनुरूप आधुनिक और लोकोपयोगी बनाने में अग्रसर हैं। उनका कहना है कि यह महाकुंभ तेजी से उभरते भारत और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में हो रहा है, जो वैश्विक स्तर पर भारत की आधुनिकता और प्रबंधन कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर है। इस सोच को धरातल पर उतारने के लिए कई नवाचार किए गए हैं।
1. शुद्ध पेयजल के लिए वॉटर एटीएम
- नगर विकास विभाग के जल निगम नगरीय द्वारा 250 से अधिक वॉटर एटीएम लगाए गए हैं, जिससे स्नानार्थियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है।
- 21 जनवरी से 2 फरवरी 2025 तक 41 लाख से अधिक श्रद्धालु इनका उपयोग कर चुके हैं।
- ये एटीएम इंटरनेट से जुड़े हैं और प्रतिदिन 12 से 15 हजार लीटर शुद्ध जल उपलब्ध करा रहे हैं।
2. भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन
- महाकुंभ के सुचारू संचालन के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर (ICCC) की स्थापना की गई है।
- पूरे मेले में 2,700 से अधिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कैमरे लगे हैं, जो हर पल की जानकारी कंट्रोल रूम को भेजते हैं।
3. स्वच्छता व्यवस्था में तकनीकी उपयोग
- प्रयागराज के विभिन्न क्षेत्रों में AI कैमरों के माध्यम से सफाई और ट्रैफिक प्रबंधन किया जा रहा है।
- सफाई कर्मियों की मोटरसाइकिलों पर भी AI कैमरे लगाए गए हैं, जिससे स्वच्छता पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है।
- नतीजतन, हजारों हेक्टेयर में फैले मेले में गंदगी का नामोनिशान नहीं है।
4. जीआईएस मैपिंग वाले बिजली के खंभे – गुमशुदगी में मददगार
- 52,000 से अधिक बिजली के खंभों की जीआईएस मैपिंग की गई है।
- हर खंभे पर एक अद्वितीय संख्या लिखी गई है, जिससे उसकी सटीक लोकेशन प्रशासन को तुरंत पता चल जाती है।
- किसी भी श्रद्धालु के बिछड़ने या समस्या आने पर नजदीकी पुलिस या सहायता केंद्र को खंभे की संख्या बताने पर तत्काल मदद उपलब्ध हो रही है।
- QR कोड स्कैनिंग की सुविधा भी दी गई है, जिससे लोग अपनी जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं और प्रशासन मदद के लिए तुरंत सक्रिय हो जाता है।
भारत की आधुनिक क्षमता का परिचायक बना महाकुंभ
ये नवाचार न केवल भारत की प्राचीन परंपराओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं, बल्कि महाकुंभ को वैश्विक अध्ययन और स्मार्ट प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण बना रहे हैं। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के बावजूद सुरक्षा, सफाई और सुविधाओं का यह उच्च स्तर भारत की तकनीकी और प्रशासनिक क्षमता का प्रमाण है।