राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। बिहार विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा और एनडीए माता सीता और भगवान राम का आशीर्वाद लेने के लिए दो बड़े आयोजन करने जा रहे हैं। हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जुड़े सभी प्रकार के कार्य अब अपने अंतिम चरण में हैं और इनके इस महीने के अंत तक पूरा हो जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि सभी प्रकार के निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद दशहरे पर या उससे पहले अयोध्या में एक भव्य आयोजन होगा, जिसमें मुख्य मंदिर सहित अन्य मंदिर शिखरों पर ध्वजारोहण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत शीर्ष नेताओं के शामिल होने की भी चर्चा है, हालांकि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।हम आपको यह भी बता दें कि यह भी माना जा रहा है कि अयोध्या में होने वाले आयोजन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में माता सीता के भव्य मंदिर की आधारशिला रखेंगे। खास बात यह है कि यह वो वक्त होगा जब बिहार में विधानसभा चुनाव एकदम नजदीक होंगे। ऐसा लगता है कि भाजपा और एनडीए का प्रयास बिहार विधानसभा चुनावों में ध्रुवीकरण कराने का है।हम आपको बता दें कि हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया था कि जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम, सीतामढ़ी को समग्र रूप से विकसित किए जाने के लिए भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं के निर्माण की योजना को राज्य कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है। नीतीश कुमार ने बताया था कि कैबिनेट में पुनौराधाम के समग्र विकास के लिए तैयार की गई वृहद योजना के लिए 882 करोड़ 87 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना का जल्द ही कार्यारंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि मैंने अगस्त महीने तक इसका शिलान्यास कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम लोग पुनौराधाम, सीतामढ़ी में भव्य मंदिर निर्माण शीघ्र पूरा कराने हेतु कृतसंकल्पित हैं। मुख्यमंत्री ने बताया था कि इसका श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या की तर्ज पर समग्र विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि पुनौराधाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण सभी देशवासियों के लिए तथा विशेष रूप से हम सभी बिहारवासियों के लिए सौभाग्य एवं गर्व की बात है।हम आपको यह भी बता दें कि श्रीराममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने गत शनिवार को बताया था कि मंदिर निर्माण का कार्य अपने अंतिम चरण में है और निर्माण से संबंधित सभी प्रमुख कार्यों के जुलाई के अंत तक पूरा होने की संभावना है। नृपेंद्र मिश्र ने संवाददाताओं को बताया था कि मंदिर और उसके परकोटे के लिए 14 लाख घन फुट बंसी पहाड़पुर पत्थर की जरूरत थी, जिसमें से 13 लाख घन फुट पत्थर लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब केवल एक लाख घन फुट पत्थर ही लगने शेष हैं। नृपेंद्र मिश्र ने कहा था कि मंदिर के लगभग 800 फुट लंबे निचले चबूतरे के 500 फुट हिस्से पर राम कथा को दर्शाने वाले भित्ति चित्र तैयार हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया था कि आस-पास के घेरे में प्रस्तावित 80 में से 45 कांस्य भित्ति चित्र स्थापित किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा था, “भारत में पहली बार किसी मंदिर की खिड़कियों में टाइटेनियम धातु का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह अपने आप में अनूठी बात है।” मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा था कि इस धातु की असाधारण मजबूती 1,000 साल से भी ज्यादा समय तक टिकी रह सकती है।

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