राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यह माना कि भारत-रूस के ऊर्जा सौदों के कारण कुछ जटिलताएं आई हैं, लेकिन उन्होंने आशा जताई कि भारत रूसी ऊर्जा सेक्टर के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव करेगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत को लेकर एक अहम बयान दिया है। एक अमेरिकी मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ‘भारत अधिकतर हमारी तरफ ही है’। जेलेंस्की का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति के संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में किए गए उन दावों के बिल्कुल उलट माना जा रहा है, जिसके तहत ट्रंप ने आरोप लगाया था कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध का मुख्य वित्तपोषक है।
पहले जानें- यूएनजीए में ट्रंप ने भारत पर क्या आरोप लगाए?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन में चल रहे रूसी युद्ध की फंडिंग कर रहे हैं। चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर इस युद्ध को वित्तपोषित करने वाले मुख्य देश हैं।
इंटरव्यू में क्या बोले यूक्रेनी राष्ट्रपति?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यह माना कि भारत-रूस के ऊर्जा सौदों के कारण कुछ जटिलताएं आई हैं, लेकिन उन्होंने आशा जताई कि भारत रूसी ऊर्जा सेक्टर के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव करेगा। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है भारत अधिकतर हमारी तरफ है। हां हमारे पास ऊर्जा को लेकर कुछ सवाल हैं, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप उससे निपट सकते हैं।” जेलेंस्की ने साफ किया कि रूस और भारत के बीच ऊर्जा समझौतों को लेकर कुछ समस्याएं हैं। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत जल्द ही रूस के ऊर्जा सेक्टर के प्रति अपना रवैया बदल लेगा। उन्होंने कहा कि हमें वह सब करना होगा, जिससे भारत हमसे दूर न हो और रूस के ऊर्जा क्षेत्र की तरफ उसका रुझान भी बदल जाए। मैं इसे लेकर निश्चिंत हूं। हालांकि, चीन को लेकर जेलेंस्की ने यह भी कहा कि उससे (चीन से) बदलाव की उम्मीद करना कठिन है, क्योंकि आज चीन के लिए रूस का समर्थन बंद करना उसके हित में नहीं है।

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