In Ayodhya, saints and holy men performed the Ramkot Parikrama with fanfare and a grand procession was taken out with the Hanuman Nishan.

राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क अयोध्या : नवसंवत्सर 2082 की पूर्व संध्या पर विक्रमादित्य महोत्सव के तत्वाधान में अयोध्या के हजारों की संख्या में साधु संतों ने रामकोट की परिक्रमा की, जिसकी शुरुआत भगवान मत गजेंद्र मंदिर पर विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन के बाद किया गया। और कड़ी सुरक्षा के बीच लगभग 5 किलोमीटर की यात्रा को संपन्न किया गया.
विक्रमादित्य महोत्सव और श्री राम जन्मोत्सव समिति के संयुक्त तत्वावधान में बाजे-गाजे और ढोल-नगाड़ों के साथ रामकोट की परिक्रमा प्रारंभ हुई तो संपूर्ण अयोध्या राममय हो गई और और परिक्रमा को देखने के लिए आम जनमानस सड़कों पर उमड़ पड़ा। इस वर्ष होने वाला यह परिक्रमा और दिव्य और भव्य बनाने के लिए राम मंदिर का मॉडल स्वरूप और विभिन्न जाति संप्रदाय के मठ मंदिरों से देवी देवताओं व महापुरुषों की 40 झांकियां भी शामिल रही. तो वही इस यात्रा के दौरान राज सदन राम मंदिर के मुख्य द्वार सहित लगभग एक दर्जन से अधिक स्थानों पर अयोध्या वासियों ने इस यात्रा पर फूलों की वर्षा कर स्वागत किया, इस अवसर पर संतो ने कहा मानव कल्याण पर आधारित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के संदेशों से संपूर्ण विश्व तक पहुंचाना है,क्योंकि राम के आदर्शों में ही विश्व का कल्याण निहित है। वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा बताते हैं कि हिंदी नव वर्ष की शुरुआत पर अयोध्या और आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग रामकोट की परिक्रमा में सम्मिलित होकर के देश समाज और राष्ट्र के लिए और मानवता के लिए यात्रा को करते हुए प्रभु से प्रार्थना कर रहे हैं की आने वाला वर्ष विक्रम संवत 2082 सबके लिए मंगलमय हो वही बताया कि सभी समाज के मठ मंदिरों से 21 झांकियां का लक्ष्य रखा गया था लेकिन लोगों की उत्साह इस झांकियां को और बड़ा मजबूत करता हुआ लगभग 40 झांकियां शामिल हुई है

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