
कुकरा खीरी : आपको वताते चलें कि महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करने वाला विभाग डाक विभाग सबसे लापरवाह और सुस्त विभाग की श्रेणी में देखा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । तकनीकी युग में अगर आप भारतीय डाक सेवा के सहारे में कोई भी कार्य करेंगे तो शायद देश दुनिया क्या प्रत्येक कार्य में आप अपने आप को पीछे ही पाएंगे। राजधानी दिल्ली के नाम से जानते ही हैं। दिल्ली के शहीद भगत सिंह उप डाकघर से उत्तर प्रदेश के जिला खीरी की छोटी काशी के नाम से विख्यात गोला गोकर्णनाथ के लिए एक रजिस्ट्री 4 जनवरी 2025 को गई थी, बल्कि 24 जनवरी तक रजिस्ट्री अपना मुकाम हासिल नहीं कर सकी हैं। सबसे बड़ी आश्चर्य की बात यह है कि वह रजिस्ट्री आज भी शहीद भगत सिंह उप डाकघर में से निकलकर बाहर नहीं आ सकी है। डाक विभाग की शायद कोई भी जिम्मेदारी वाला कार्य नहीं है। डाक विभाग के कार्यकर्ता स्वेच्छा चारी, लापरवाह और जनता के प्रति उनका रवैया सुस्त और आलसी वाला है। क्या डाक विभाग उपभोक्ता की परेशानी और नुकसान का जिम्मेदार होगा जब उपभोक्ता ने डाक विभाग की शर्त अनुसार रजिस्ट्री का पूरा भुगतान किया है। डाक विभाग के कर्मचारियों ने जानबूझकर रजिस्ट्री उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाई है। क्या इसकी भरपाई डाक विभाग को नहीं करना चाहिए?जहां एक और देश में संचार क्रांति दौड़ रही है निजी संस्थाएं पार्सलों की दूरी पर 24 घंटे के अंदर डिलीवरी करवा देती हैं वहीं डाक विभाग 4 जनवरी से 23 जनवरी तक दिल्ली से गोला गोकर्णनाथ छोटी काशी की दूरी 19 दिनों में 400 किलोमीटर तय नहीं कर पाया है।