Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। बीते सोमवार देर रात एडीसीपी पश्चिम कपिल देव सिंह ने रावतपुर थाने की गुरुदेव पुलिस चौकी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें चौकी में शराब पार्टी होती मिली। इस पर एडीसीपी ने चौकी प्रभारी लोकेश पटेल और दारोगा निखिल सिंह को जमकर फटकार लगाई और मंगलवार रात दोनों को निलंबित कर दिया। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

क्या हुआ निरीक्षण में?
एडीसीपी पश्चिम को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि कुछ पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान शराब पीते हैं। इसे पुख्ता करने के लिए सोमवार रात उन्होंने अचानक निरीक्षण किया। गुरुदेव चौकी पहुंचने पर चौकी प्रभारी लोकेश पटेल और दारोगा निखिल सिंह शराब की बोतल के साथ बैठे हुए पाए गए। एडीसीपी को देख दोनों पुलिसकर्मी सकपका गए।

विवादों में रहा दारोगा निखिल सिंह
अक्टूबर महीने में चापड़ से हमला करने और मरणासन्न करने के मामले में अधिकारियों को विरोधाभासी बयान देने पर भी एडीसीपी ने दारोगा निखिल सिंह को फटकार लगाई थी। सूत्रों के अनुसार, दारोगा निखिल सिंह पीड़ितों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता था। एडीसीपी पश्चिम के अनुसार, चौकी प्रभारी लोकेश पटेल और दारोगा निखिल सिंह को निलंबित कर दिया गया है और उनकी विभागीय जांच जारी है।

पुलिस विभाग की छवि पर असर
कानपुर में पहले भी पुलिसकर्मियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं। अगस्त 2025 में नवाबगंज जागेश्वर मंदिर चौकी इंचार्ज नितिन पुनिया ने उरई के व्यापारी आसिफ शेख को जुआरी बताकर 5.70 लाख रुपये लूट लिए थे। मई में पुलिस की वर्दी में घरों और होटलों में छापेमारी कर लूटपाट करने वाले गिरोह का सरगना टीएसआई अजीत यादव को जेल भेजा गया। रेल बाजार के दारोगा विजयदर्शन शर्मा लाखों रुपये के जेवर चोरी में निलंबित किए गए थे। यह घटनाएं पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने वाली मानी जा रही हैं।

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