Bihar News: बिहार में वर्ष 2006 से 2015 के बीच नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच को लेकर शिक्षा विभाग ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को निर्देश दिया है कि वे शिक्षकों से जुड़े अप्राप्त फोल्डरों को अविलंब निगरानी विभाग, अन्वेषण ब्यूरो को उपलब्ध कराएं।

निदेशक, प्राथमिक शिक्षा द्वारा जारी आदेश के अनुसार निगरानी विभाग के पास कुल 69,809 फोल्डरों की मांग की गई थी, लेकिन अब तक जिलों से सिर्फ 160 फोल्डर ही उपलब्ध कराए गए हैं। यानी 69,649 फोल्डर अब भी लंबित हैं, जो विभागीय स्तर पर गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।

पहले भी दिए जा चुके हैं निर्देश

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इससे पहले भी 12 जनवरी 2023 को पत्र जारी कर सभी जिलों को संबंधित फोल्डर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद अधिकांश जिलों द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किया गया, जिस कारण निगरानी विभाग की जांच प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

निगरानी विभाग की जांच से जुड़ा मामला

यह पूरा मामला निगरानी विभाग, अन्वेषण ब्यूरो द्वारा वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशिक्षण प्रमाणपत्रों की वैधता से जुड़ा है। विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेज सही और नियमों के अनुरूप हैं।

जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश

प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी संबंधित अधिकारियों को स्मारित करते हुए निर्देश दिया है कि शेष सभी फोल्डर यथाशीघ्र निगरानी विभाग को उपलब्ध कराए जाएं, ताकि जांच कार्य को समय पर पूरा किया जा सके। माना जा रहा है कि आगे भी लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है।

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