राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। सीजेएम कोर्ट ने मंगलवार को हुई पेशी के दौरान उनकी न्यायिक हिरासत 11 नवंबर तक बढ़ा दी है। मौलाना को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से कोर्ट में पेश किया गया, जबकि उनके सहयोगियों को अदालत में फिजिकल रूप से लाया गया।

मौलाना तौकीर रजा पर 26 सितंबर को बरेली में हुए हिंसक बवाल को भड़काने का आरोप है। इस घटना में उनके खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, वह 2019 के सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन में भी आरोपी हैं। 26 सितंबर को “आई लव मोहम्मद” पोस्टर लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। प्रशासन ने नवरात्र और दो उर्स के कारण धारा 144 लागू करते हुए सभा की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन मौलाना ने वीडियो जारी कर प्रशासन को चुनौती दी थी। इसके बाद इस्लामिया ग्राउंड से निकलने वाली भीड़ ने पथराव, फायरिंग और पेट्रोल बम से हमला कर दिया, जिससे कई स्थानों पर हिंसा फैल गई।

फतेहगढ़ जेल में चल रही पूछताछ
मौलाना तौकीर रजा इस समय फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं। कोतवाली थाने में उनके खिलाफ छह मामले, जबकि अन्य थानों में चार मुकदमे दर्ज हैं। विवेचक लगातार जेल जाकर उनसे पूछताछ कर रहे हैं। हाल ही में बिहारीपुर चौकी और बारादरी थाने की टीमों ने भी बयान दर्ज किए हैं।

गंभीर धाराओं में केस दर्ज
मौलाना पर दंगा भड़काने, हत्या की साजिश, धमकी और उकसावे जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। उनके वकील सुनील सक्सेना का कहना है कि इन धाराओं में छह महीने के भीतर जमानत मिलना मुश्किल है। यदि एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाया गया तो एक साल तक रिहाई संभव नहीं होगी।

105 आरोपी जेल में, 250 करोड़ की संपत्ति पर कार्रवाई
मौलाना के साथ उनके करीबी सहयोगी डॉ. नफीस, नदीम, फरहत, मुनीर इदरीशी, अनीस सकलैनी और साजिद समेत 105 लोग जेल भेजे जा चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन ने अब तक लगभग 250 करोड़ रुपये की संपत्ति को सील या ध्वस्त किया है। इसमें डॉ. नफीस का 5 करोड़ का बारातघर और सपा पार्षद का अवैध चार्जिंग स्टेशन भी शामिल है। पुलिस ने 7 आरोपियों पर 15-15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

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