भारत ने चक्रवात प्रभावित श्रीलंका में बचाव और राहत अभियानों को तेज करते हुए नौ माह की गर्भवती महिला को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और उसे तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की। यहां स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को यह जानकारी दी। चक्रवात दित्वा के कारण, श्रीलंका व्यापक बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे के ढहने की घटनाओं से जूझ रहा है। इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण कई जिलों का संपर्क कट गया है और देश की आपदा-प्रतिक्रिया क्षमता पर गंभीर असर पड़ा है।सोलह नवंबर से एक दिसंबर (सोमवार) तक विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 390 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 352 लोग लापता हैं। भारतीय उच्चायोग ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि पुट्टलम जिले में नौ माह की गर्भवती महिला को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने सुरक्षित निकाल लिया और उसे चिकित्सा सहायता प्रदान की गई। इसमें कहा गया, ‘‘ऑपरेशन सागर बंधु उनके लिए जारी है, जिन्हें इसकी सर्वाधिक जरूरत है।” भारत ने मानवतावादी सहायता एवं आपदा राहत (एचएआरडी) पहल के तहत ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू की है, ताकि श्रीलंका को चक्रवात दित्वा से हुई विनाशकारी तबाही से उबरने में मदद मिल सके।उच्चायोग ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि एनडीआरएफ की टीमों ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर सोमवार को पुट्टलम के दुर्गम इलाकों में फंसे लगभग 800 लोगों तक भोजन और आवश्यक सामग्री पहुंचाई। उच्चायोग ने बताया कि भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों ने प्रभावित क्षेत्रों में 5.5 टन से अधिक राहत सामग्री गिराई, जिसमें अरनायके क्षेत्र भी शामिल है, जहां हेलीकॉप्टर उतारना संभव नहीं था।  

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