बिहार के पश्चिमी चंपारण से बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर हो रही बहस के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने तेजस्वी यादव के चुनावी वादों और कांग्रेस के राजनीतिक इतिहास को लेकर कई सवाल उठाए।

तेजस्वी के वादे पर सवाल

संजय जायसवाल ने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के भाषण का जवाब देते हुए कहा कि सुधारों की सबसे ज्यादा जरूरत वहां है, जहां राज्य का बजट पता नहीं होता और बेबुनियाद वादे किए जाते हैं। जायसवाल ने पूछा, “मनीष तिवारी ने यह नहीं बताया कि तेजस्वी यादव ने किस नियम के तहत वादा किया था हर घर में सरकारी नौकरी देने का?”उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता ने तेजस्वी यादव के दो करोड़ 70 लाख नौकरी’ के वादे पर भरोसा नहीं किया, बल्कि ‘मोदी की गारंटी पर भरोसा किया।

बीजेपी सांसद ने देश की नागरिकता और घुसपैठियों के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने स्पष्ट कहा- “यह देश हिंदू, मुस्लिम, सिख-ईसाई… सभी का है, लेकिन बांग्लादेशी और रोहिंग्या का नहीं है। हम एक-एक घुसपैठिए को बाहर करेंगे।” उन्होंने भविष्यवाणी की कि इस बार पश्चिम बंगाल में कमल खिलेगा और उसे कोई रोक नहीं पाएगा।

‘वोट चोरी’ और कांग्रेस का इतिहास

संजय जायसवाल ने कांग्रेस पर ‘वोट चोरी’ का एक लंबा इतिहास होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पहली वोट चोरी तो 1947 में हुई थी, जब पूरी CWC (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) ने सरदार पटेल को प्रधानमंत्री चुना था, लेकिन नेहरू को बना दिया गया। उन्होंने ‘शोले’ फिल्म का डायलॉग बोलते हुए तंज कसा कि “हमें सुधारने वाले अच्छे-अच्छे सुधर गए लेकिन (कांग्रेस) हम नहीं सुधरे।” उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर को कोट करते हुए क्लीन मतदाता सूची की वकालत की।

बिहार में हार का ज़िक्र

जायसवाल ने बिहार चुनाव में SIR के मुद्दे पर कांग्रेस-राजद की हार का ज़िक्र किया और कहा कि इतनी बड़ी हार के बावजूद ये नेता सुधर नहीं रहे हैं। उन्होंने तंज कसा कि नतीजों से पहले ही नेता प्रतिपक्ष विदेश चले गए थे और अब अगर वह बिहार जाएंगे, तो कांग्रेस के पूरे विधायक एक बोलेरो में आ जाएंगे।

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