भारत से अमेरिका में अवैध घुसपैठ कराने वाले अंतरराष्ट्रीय ‘डंकी’ रैकेट के खिलाफ ED ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। शुक्रवार को दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर हुई छापेमारी में जांच एजेंसी ने 4.62 करोड़ रुपये नकद, 313 किलो चांदी और 6 किलो सोने के बिस्किट जब्त किए हैं। यह कार्रवाई फरवरी 2025 में अमेरिकी सरकार द्वारा 330 भारतीयों को वापस भेजे जाने के बाद दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर की गई है। मुख्य आरोपी ट्रैवल एजेंटों पर आरोप है कि वे भोले-भाले युवाओं को कानूनी रास्ते से अमेरिका भेजने का झांसा देकर उनसे भारी रकम वसूलते थे और गारंटी के तौर पर उनकी संपत्तियों के दस्तावेज गिरवी रख लेते थे।

जालंधर से दिल्ली तक एक्शन

ED की टीमों ने जालंधर, पानीपत और दिल्ली में एक साथ दबिश दी। दिल्ली के एक प्रमुख ट्रैवल एजेंट के पास से भारी मात्रा में सोना-चांदी और नकदी बरामद हुई है, जो इस अवैध कारोबार की कमाई मानी जा रही है।

आपत्तिजनक डिजिटल सबूत भी हुए बरामद

अधिकारियों ने आरोपियों के फोन और लैपटॉप से ‘डंकी’ बिजनेस से जुड़ी चैट और रिकॉर्ड बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि कैसे दक्षिण अमेरिकी देशों के रास्ते युवाओं को जान जोखिम में डालकर अमेरिका की सीमा पार कराई जाती थी।

टॉर्चर और वसूली का काला सच आया सामने

जांच में सामने आया कि एजेंट पैसे लेने के बाद युवाओं को खतरनाक जंगलों और रास्तों से ले जाते थे। यात्रा के दौरान न केवल उन्हें Torture किया गया, बल्कि उनसे और अधिक पैसों की मांग भी की गई और जबरन गैर-कानूनी काम करवाए गए।

क्या है ‘डंकी’ बिजनेस और क्यों हुई यह कार्रवाई?

‘डंकी’ (Dunki) एक पंजाबी मुहावरा है, जिसका उपयोग उन अवैध और खतरनाक रास्तों के लिए किया जाता है जिनसे लोग बिना वीजा के विकसित देशों में घुसपैठ करते हैं। ईडी ने यह जांच पंजाब और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज उन मामलों के आधार पर शुरू की थी, जिनमें फरवरी 2025 में US military cargo plane से 330 भारतीयों को डिपोर्ट (Deport) किया गया था। इन लोगों ने अपनी आपबीती में एजेंटों की धोखाधड़ी और रास्ते में झेली गई मुश्किलों का खुलासा किया था।

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