
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय, औरंगाबादखालसा, लखनऊ के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग ने मौलाना आज़ाद मेमोरियल एकेडमी परिसर में महिलाओं के लिए एक विशेष निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में महिलाओं की गुप्त बीमारियों की जांच, इलाज और मुफ्त दवाओं का वितरण किया गया।
शिविर का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. अब्दुल कवी ने किया। उन्होंने महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और बताया कि सरकार मात्र एक रुपये में यूनानी चिकित्सा की समस्त सुविधाएं उपलब्ध करा रही है—जिनमें निशुल्क दवाएं, भर्ती की सुविधा, 100 बिस्तरों की व्यवस्था, भोजन और मामूली सर्जरी तक शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “इस तरह के शिविर न केवल इलाज का माध्यम हैं, बल्कि यूनानी चिकित्सा प्रणाली को जन-जन तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम भी हैं।” उन्होंने स्त्री रोग विभाग के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. मनी राम के प्रयासों की प्रशंसा की और अकादमी के महासचिव डॉ. अब्दुल कुद्दूस हाशमी का भी आभार प्रकट किया, जिनके सहयोग से यह आयोजन संभव हुआ।
डॉ. अब्दुल कुद्दूस हाशमी ने कहा, “एक स्वस्थ समाज की नींव स्वस्थ महिलाएं होती हैं। आज का शिविर इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने कॉलेज प्रशासन का धन्यवाद किया और बताया कि उनकी लंबे समय से यह मांग थी कि महिलाओं की बीमारियों पर फोकस करते हुए भर्ती और शोध की प्रक्रिया तेज़ की जाए।
इस शिविर में ल्यूकोरिया, पेट दर्द, बार-बार पेशाब आना, योनि स्राव जैसी समस्याओं से पीड़ित लगभग 100 महिलाओं ने अपनी जांच कराई। उन्हें निःशुल्क दवाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह भी मिली। डॉ. रुश्दा फातिमा, डॉ. नवाजिश, डॉ. अब्दुल अहद, सैयद अबुल कासिम, फवजिया खान, हुमा कायनात, शाह ओसामा रशीद, मुहम्मद यासिर और मुहम्मद नईम जैसे विशेषज्ञों ने महिलाओं की गंभीरता से जांच की।
प्रो. डॉ. मणि राम ने कहा, “इस शिविर का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना और उन्हें यूनानी चिकित्सा की पूर्ण सुविधाओं से जोड़ना है।” उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 7 महिलाओं को विस्तृत शोध के लिए अस्पताल बुलाया जाएगा, ताकि उनके मामलों पर गहन अध्ययन कर बेहतर उपचार पद्धति विकसित की जा सके।
इस सफल आयोजन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सरकार और यूनानी चिकित्सा संस्थान मिलकर महिलाओं के स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं।