हरदोई के BJP विधायक श्याम प्रकाश ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के “रिश्वतखोर जेल जाएंगे” बयान पर तंज कसते हुए कहा कि “फिर तो 99% अधिकारी जेल चले जाएंगे।” अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित विधायक ने सोशल मीडिया पर यह टिप्पणी की। यह पहली बार नहीं जब उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा है।
लखनऊ। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी के अंदर एक नई सियासी बहस छिड़ गई है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के “रिश्वतखोर जेल जाएंगे” बयान पर उनकी ही पार्टी के विधायक श्याम प्रकाश ने तीखा कटाक्ष किया है।
हरदोई के गोपामऊ सुरक्षित सीट से बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने सोशल मीडिया पर लिखा —
“फिर तो प्रदेश के 99% अधिकारी जेल चले जाएंगे, ऐसा मत करें।”
यह टिप्पणी केशव मौर्य की उस चौपाल के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगे तो बताएं, उसे जेल भेजा जाएगा।”
विवाद का नया दौर शुरू
श्याम प्रकाश का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने पार्टी या सरकार पर निशाना साधा हो। इससे पहले भी वे कई विवादित टिप्पणियों से सुर्खियों में रह चुके हैं।
मार्च 2025 में उन्होंने कहा था —
“बाबा योगी दिल्ली चले जाएं और केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश संभाल लें।”
उनका यह बयान भी उस समय राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा का विषय बना था।
केशव मौर्य का मूल बयान क्या था?
लखनऊ के बख्शी तालाब ब्लॉक के उसरना गांव में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित चौपाल में डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा था —
“अगर कोई रिश्वत मांगता है तो शिकायत करें, हम ऐसे अफसरों को जेल भेज देंगे।”
उन्होंने कहा कि सरकार जनता की सेवा के लिए है और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगले दिन उनकी पोस्ट की क्लिपिंग सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसके बाद विधायक श्याम प्रकाश ने तंज कसा।
कौन हैं श्याम प्रकाश?
श्याम प्रकाश तीसरी बार विधायक हैं। उन्होंने 2007 में बसपा से, और 2017 व 2022 में भाजपा से चुनाव जीता। वे अपनी खुली आलोचनाओं और बयानों के लिए चर्चित हैं।
उन्होंने 2020 में भ्रष्टाचार को लेकर कहा था —
“इतना भ्रष्टाचार मैंने कभी नहीं देखा जितना अब है।”
जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने कहा —
“मैं सो रहा था, मोबाइल तकिए के नीचे था, शायद पोते ने लिख दिया होगा।”
पहले भी विवादों में रहे विधायक
17 जुलाई 2024: कहा — “भाजपा कार्यकर्ताओं का कोई भी काम बिना रिश्वत दिए नहीं होता।”
22 मार्च 2025: बोले — “योगी दिल्ली चले जाएं, केशव यूपी संभालें।”
20 सितंबर 2025: महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में कहा — “देवता भी महिलाओं से डरते थे, हमारी क्या औकात।”
अगस्त 2025: संत रामभद्राचार्य पर टिप्पणी — “आप अंधे होकर संस्कृत कैसे पढ़े, झूठ क्यों बोलते हैं।”
सियासी मायने
श्याम प्रकाश का यह बयान बीजेपी के भीतर असंतोष का संकेत माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे बयान 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए चुनौती बन सकते हैं