
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ । रायबरेली जिले में एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एआई-जनित अभद्र वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और बछरावां थाना क्षेत्र के बन्नावा गांव निवासी आरोपी को हिरासत में ले लिया।रायबरेली पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि आरोपी की पहचान दुर्गेश कुमार के रूप में हुई है, जिसने एआई-जनित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया था। बयान में कहा गया है कि उसे हिरासत में ले लिया गया है और उसे अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस के अनुसार आगे की कानूनी कार्यवाही जारी है।इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी तीन देशों की यात्रा के दौरान कहा कि दुनिया डीप फेक के दुरुपयोग सहित तकनीक के खतरों को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती, साथ ही उन्होंने तकनीक की प्रगति की सराहना भी की। भारत में, एआई से जुड़ी गलत सूचना की चुनौती को कम करने के लिए व्यापक प्रयास चल रहे हैं। केंद्र सरकार ने एक सुरक्षित और विश्वसनीय डिजिटल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कानूनी प्रवर्तन, नियामक उपायों और तकनीकी नवाचार को मिलाकर एक बहुआयामी रणनीति शुरू की है।इस पहल के केंद्र में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 है, जो आईटी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के साथ मिलकर डीप फेक सहित साइबर अपराधों से निपटने के लिए कानूनी आधार तैयार करता है। आईटी अधिनियम पहचान की चोरी, छद्म पहचान, निजता का उल्लंघन, अश्लील सामग्री का प्रसारण और साइबर आतंकवाद जैसे कई अपराधों के लिए दंड का प्रावधान करता है—चाहे वह सामग्री मानव-जनित हो या एआई-जनित।2021 के आईटी नियमों के तहत, सोशल मीडिया कंपनियों सहित डिजिटल प्लेटफॉर्म और बिचौलियों को गैरकानूनी सामग्री के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की कानूनी बाध्यता है। इसमें गलत सूचना, छद्म पहचान, अश्लील दृश्य, लिंग-आधारित उत्पीड़न और ऐसी सामग्री शामिल है जो उपयोगकर्ताओं को गुमराह या धोखा दे सकती है। इन प्लेटफॉर्म्स को अपनी सेवा शर्तों में स्पष्ट सामग्री प्रतिबंधों को शामिल करना और उपयोगकर्ताओं की शिकायतों का त्वरित निवारण सुनिश्चित करना भी अनिवार्य है।