राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच दोस्ती के दावों का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि उनका रिश्ता देश के लिए महंगा साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि ट्रंप और पीएम मोदी के पुराने दोस्त होने के दावों को मज़बूत करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें फोटो खिंचवाना भी शामिल था। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रमेश ने एएनआई को बताया कि एक लोकप्रिय गाना है ‘दोस्त दोस्त न रहा’। पीएम को भी यह गाना पता होगा। जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा कि ‘दोस्त दोस्त न रहा, ट्रंप यार हमें तेरा ऐतबार न रहा’। उन्होंने ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम आयोजित किए। उन्होंने कहा ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’। फोटो खिंचवाए गए। हमारे विदेश मंत्री राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पहली पंक्ति में बैठे थे। दावा किया गया कि पीएम और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच एक ख़ास रिश्ता है, कि वे पुराने दोस्त हैं। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ़ लगाने की धमकी दी जा रही है और रूस से तेल न ख़रीदने के लिए कहा जा रहा है, रमेश ने तंज कसते हुए कहा कि यह दोनों नेताओं के बीच “ख़ास रिश्ते” का नतीजा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इन फ़ैसलों पर जवाब देने को कहा।रमेश ने कहा कि इस सबका नतीजा क्या है? टैरिफ़ बढ़ाने की धमकियाँ दी जा रही हैं। हमें रूस से तेल न ख़रीदने की धमकी दी जा रही है। यह दोस्ती बहुत महंगी साबित हुई। प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। सालों से वह दावा करते रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनके बीच ख़ास रिश्ता है, वे गले मिलते हैं, तस्वीरें खिंचवाते हैं और बातचीत करते हैं। कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ट्रंप 32 से ज़्यादा बार दावा कर चुके हैं कि ऑपरेशन सिंदूर उनकी वजह से रुका था। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध खराब हो गए हैं और अमेरिका, पाकिस्तान और चीन के साथ मिलकर देश के लिए एक चुनौती बन गया है। रमेश ने कहा, “पहले उन्होंने (राष्ट्रपति ट्रंप) मध्यस्थता की बात की – कि उन्होंने युद्धविराम करवाया। उन्होंने 32-33 बार कहा कि ऑपरेशन सिंदूर उनकी वजह से रुका था। प्रधानमंत्री ने इस पर कुछ नहीं कहा। विदेश मंत्रालय ने अब एक बयान जारी किया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि अमेरिका के साथ हमारे संबंध खराब हो गए हैं। आज, चीन, अमेरिका और पाकिस्तान – ये तीनों हमारे लिए एक चुनौती बन गए हैं।”

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