राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़

पाकिस्तान इस समय आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर गंभीर संकट का सामना कर रहा है जिससे लगता है कि कहीं नक्शे से इसका अस्तित्व ही न मिट जाए। अफगानिस्तान से सीमा पर संघर्ष, बलूचिस्तान में BLA के हमले, और पाकिस्तान-आधारित कश्मीर (PoK) में उग्र विरोध प्रदर्शन ने पाकिस्तान की स्थिरता को हिला कर रख दिया है।

12 अक्टूबर 2025 को अफगानिस्तान ने दावा किया कि उसने रातभर चले अभियानों में 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और 25 सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया। यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के नेता पर हवाई हमले के जवाब में की गई। अफगान अधिकारियों ने इसे पाकिस्तान के क्षेत्रीय उल्लंघन का प्रतिकार बताया और चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसे हमलों का जवाब और भी सख्त होगाबलूचिस्तान में BLA के हमले
बलूचिस्तान में Baloch Liberation Army (BLA) के हमले लगातार जारी हैं। 7 अक्टूबर 2025 को एक ट्रेन पर IED विस्फोट में कई लोग घायल हुए। इससे पहले, मार्च में BLA ने Jaffar Express ट्रेन को हाईजैक किया था, जिसमें 33 उग्रवादी, 23 सैनिक, 3 रेलवे कर्मचारी और 5 यात्री मारे गए थे। इन हमलों ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर किया है ([Wikipedia][2])।

पाकिस्तान-आधारित कश्मीर (PoK) में उग्र विरोध प्रदर्शन
सितंबर 2025 के अंत से पाकिस्तान-आधारित कश्मीर (PoK) में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। स्थानीय नागरिकों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार, राजनीतिक दमन और संसाधनों की लूट का आरोप लगाया है। इन प्रदर्शनों में अब तक 12 से अधिक लोग मारे गए हैं, और सैकड़ों घायल हुए हैं। मुजफ्फराबाद, मीरपुर और धीरकोट जैसे शहरों में हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ प्रदर्शनकारियों ने 38 सूत्रीय मांगपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें राजनीतिक स्वतंत्रता, आर्थिक अधिकार और मानवाधिकारों की रक्षा की मांग की गई है। पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शनकारियों के साथ समझौता किया है, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है  पाकिस्तान इस समय चारों ओर से संकट का सामना कर रहा है। अफगानिस्तान से सीमा पर संघर्ष, बलूचिस्तान में BLA के हमले और पाकिस्तान-आधारित कश्मीर (PoK) में उग्र विरोध प्रदर्शन ने पाकिस्तान की स्थिरता को हिला कर रख दिया है। यदि पाकिस्तान ने सुरक्षा और शासन में सुधार नहीं किया, तो आने वाले समय में और भी बड़े राजनीतिक और सैन्य झटके झेलने पड़ सकते हैं।

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