राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।
लखनऊ। यथार्थ दिव्य ज्ञान ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित हरिओम गौतम ने न्यायालयों में भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति लगवाने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि अभी न्यायालयों में लगी रोमन देवी जस्टिशिया की मूर्ति गुलामी का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में पंडित हरिओम गौतम ने कहा कि वह कायस्थ वाहिनी अंतर्राष्ट्रीय के प्रमुख पंकज भैया कायस्थ की मांग का समर्थन करते हैं। भारतीय संस्कृति के अनुसार, न्याय के देवता भगवान चित्रगुप्त ही हैं। उनके पास सभी जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा होता है। 1 जुलाई को भारत सरकार ने न्यायालय की न्याय प्रणाली में कुछ धाराओं और नामों को इस आशय के साथ परिवर्तित किया था कि उनसे गुलामी के समय से चली आ रही अवधारणा बदल जाए। न्यायालय में रोमन देवी जस्टिशिया की मूर्ति आज भी गुलामी के प्रतीक के रूप में विराजमान है। लिहाजा गुलामी के इस प्रतीक को खत्म करते हुए सभी न्यायालयों में सनातन संस्कृति को स्थापित करने के उदृदेश्य से भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित की जाए।