राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान और उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में तुलसी जयन्ती समारोह मनाया गया। इसका आयोजन उप्र हिन्दी संस्थान महात्मा गाँधी मार्ग हजरतगंज, लखनऊ में हुआ। कार्यक्रम में अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष, डॉ अखिलेश कुमार मिश्रा आईएएस ने की। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ शंभुनाथ आईएएस पूर्व मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन उपस्थित थे। जबकि विशिष्ट अतिथि प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव आईएएस (सेवानिवृत्त) थे।
माँ शारदे एवं गोस्वामी तुलसीदास का माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर समारोह का आरम्भ किया गया। माँ सरस्वती की वंदना डॉ शोभा दीक्षित ‘भावना’ द्वारा की गयी। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन उ0प्र0 हिन्दी संस्थान की प्रकाशन अधिकारी डॉ अमिता दुबे द्वारा प्रस्तुत किया गया। मंच पर उपस्थित अतिथियों के माल्यार्पण एवं शाल्यार्पण आदि सम्मान किया गया। इसके बाद डॉ सीमा गुप्ता ने कार्यक्रम का विवरण पेश किया। इस मौके पर श्रीप्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव आईएएस (सेवानिवृत्त) ने गोस्वामी तुलसीदास जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। कहा कि तुलसी कृत रामचरितमानस की युग दर युग प्रासंगिकता पर भी अपने विचार व्यक्त किये।मुख्य अतिथि डॉ शंभुनाथ, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व मुख्य सचिव ने श्रीराम भक्ति धारा के कवि गोस्वामी तुलसीदास पर अपने विचार व्यक्त किए। कहा कि तुलसीदास जी ने ही जनमानस को श्रीराम के बारे में परिचित कराया उन्होंने ही श्रीराम के विचार एवं आचरण को जनमानस तक पहुँचाया।अन्त में समारोह के अध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार मिश्रा, आईएएस ने कहा कि पवनपुत्र हनुमान जी को श्रीराम चन्द्र जी के भक्त के रूप में प्रतिष्ठापित करने का कार्य भी गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया। इस मौके पर सुशील चन्द श्रीवास्तव, डॉ सरला, विजय त्रिपाठी, पंडित आदित्य द्विवेदी एवं गिरिजाशंकर दुबे ‘गिरिजेश’ ने भी अपने विचार व्यक्त किए।