पीएम मोदी ने पिछले 11 सालों से यानि की 2014 से देश की कमान संभाली हुई है। इन 11 सालों के समय में उनकी  विदेश नीति ने भारत को दुनिया के नक्शे पर एक नई पहचान दी है। इस समय के दौरान उन्होंने 70 से ज्यादा देशों का दौरा किया है। ये यात्राएं केवल कूटनीतिक मुलाकातें नहीं, बल्कि रक्षा, ऊर्जा और व्यापारिक समझौतों का बड़ा आधार बनी हैं।

2025: विदेशी दौरों के लिए रहा ‘सुपर ईयर’

साल 2025 में पीएम मोदी की कूटनीति सातवें आसमान पर रही।

  • जुलाई का रिकॉर्ड दौरा: पीएम मोदी ने 2 से 9 जुलाई के बीच घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील (ब्रिक्स सम्मेलन) और नामीबिया जैसे 5 देशों की अपनी सबसे लंबी यात्रा की।
  • दिसंबर का समापन: साल के अंत में जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा ने रणनीतिक रिश्तों को नई मजबूती दी। इथियोपिया ने उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रेट ऑनर निशां’ से नवाजा, तो श्रीलंका ने ‘मित्र विभूषना’ देकर भारत की दोस्ती का सम्मान किया।
  • 11 सालों का सफर
    पीएम मोदी के पहले कार्यकाल (2014) की शुरुआत भूटान और नेपाल जैसे पड़ोसियों से हुई, वहीं दूसरे कार्यकाल में ‘हाउडी मोदी’ जैसे आयोजनों ने भारतीय प्रवासियों को वैश्विक शक्ति बनाया। इजरायल की ऐतिहासिक यात्रा हो या खाड़ी देशों के साथ मजबूत होते ऊर्जा संबंध, मोदी सरकार ने ‘पड़ोसी पहले’ और ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के बीच एक सटीक संतुलन बनाए रखा।

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    किस देश की करेंसी है सबसे मजबूत?
    पीएम मोदी के इन विदेशी दौरों के बीच अक्सर यह सवाल उठता है कि दुनिया में सबसे महंगी मुद्रा (Currency) किसकी है? डेटा के अनुसार कुवैती दीनार दुनिया की सबसे मूल्यवान करेंसी है। इसकी मजबूती के पीछे कुवैत के विशाल तेल भंडार और स्थिर अर्थव्यवस्था है। इसके बाद बहरीन दीनार और ओमान रियाल का नंबर आता है, जिनकी वैल्यू भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर दोनों से काफी अधिक है।
     

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