
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने बुधवार को नागरिक घोषणा-पत्र का विमोचन किया। इस पहल के तहत शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों और विद्यार्थियों से जुड़ी सेवाओं के निस्तारण की समय-सीमा तय कर दी गई है, जिससे विभागीय कार्यों में गति आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
घोषणा-पत्र के मुख्य बिंदु:
✅ राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों के अवकाश, पेंशन, प्रोन्नति, वेतनमान, जीपीएफ और मृतक आश्रित नियुक्तियों के मामलों का समयबद्ध निस्तारण होगा।
✅ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद और संस्कृत शिक्षा परिषद के विद्यार्थियों के परीक्षा, प्रमाणपत्र और अन्य शैक्षणिक मामलों की भी समय-सीमा निर्धारित की गई।
✅ शिक्षकों और कर्मचारियों के अवकाश अब ‘मानव संपदा पोर्टल’ के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत किए जाएंगे।
✅ समय-सीमा के भीतर कार्यवाही न होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
✅ प्रत्येक कार्यालय के प्रवेश द्वार पर अपीलीय अधिकारियों के नाम और संपर्क विवरण अंकित किए जाएंगे, जिससे शिकायतकर्ता को आसानी हो।
मंत्री गुलाब देवी का बयान:
मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि यह घोषणा-पत्र माध्यमिक शिक्षा में अनुशासित कार्य-संस्कृति विकसित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे शिक्षकों और विद्यार्थियों को त्वरित सेवाएं मिलेंगी, प्रशासनिक प्रक्रियाएं तेज होंगी और जवाबदेही बढ़ेगी।
इस मौके पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव के के गुप्ता, निदेशक डॉ महेंद्र देव, अपर निदेशक अजय कुमार द्विवेदी, संयुक्त निदेशक विष्णुकांत पाण्डेय सहित वरिष्ठ अधिकारी और शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।