राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ TMC एक बार फिर अंदरूनी कलह की गिरफ्त में नजर आ रही है। ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच कथित मतभेद अब सार्वजनिक चर्चा का विषय बनते जा रहे हैं। आम चुनाव के दौरान इन मतभेदों को दबा दिया गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही यह फूट फिर से उभर आई है। एक गुट ममता बनर्जी को अडिग नेतृत्व के रूप में देखना चाहता है, वहीं दूसरा गुट बदलाव की मांग कर रहा है। उनका तर्क है कि नई लीडरशिप से एंटी-इनकंबेसी फैक्टर को मात दी जा सकती है। इसी बीच कोलकाता रेप कांड ने सरकार की छवि को और चोट पहुंचाई है, जिससे पार्टी की चिंता और बढ़ गई है। पार्टी के ऐसे नेता जो किसी कैंप का हिस्सा नहीं माने जाते, उनके लिए पोजिशन तय करना अब टेढ़ी खीर बनता जा रहा है।एक छोटे क्षेत्रीय दल के नेता, जो अक्सर चुनाव से ऐन पहले अपने पत्ते खोलते हैं, इस बार अपनी दोहरी चाल के चलते फंसते नजर आ रहे हैं। दिल्ली में कांग्रेस और BJP दोनों से एक ही दिन में गुप्त मीटिंग करके उन्होंने मोलभाव की रणनीति अपनाई, लेकिन दोनों ही पक्षों को इसकी भनक लग गई। अब दोनों ही गठबंधन उनसे दूरी बनाते नजर आ रहे हैं और नेताजी यह जानने में जुट गए हैं कि उनकी चालें लीक कैसे हुईं। बावजूद इसके, उनका विश्वास है कि उनकी बारगेनिंग पावर पर इसका असर नहीं पड़ेगा।BJP शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के चेहरे तनाव में हैं। चर्चा है कि पार्टी नेतृत्व संगठन और शासन में “नई ऊर्जा” लाने की तैयारी में है और इसके लिए कुछ मौजूदा मुख्यमंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। एक मुख्यमंत्री खास तौर से डरे हुए हैं और लगातार दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। सहयोगियों की शिकायतें और पार्टी नेतृत्व से दूरी उनकी चिंता की वजह हैं। पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नजदीक है और यह बदलाव उसी के बाद तय माना जा रहा है। बिहार की राजनीति एक बार फिर नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घूमने लगी है। विपक्ष उनकी सेहत पर राजनीति करने से हिचक रहा है, जबकि NDA के अंदर यह सवाल है कि क्या नीतीश को फिर से मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया जाए? सर्वे बताते हैं कि 20 वर्षों की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद नीतीश का वोट बैंक बरकरार है। यही वजह है कि हर दल उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है। फिलहाल बिहार की राजनीतिक चालें नीतीश कुमार के संकेतों पर ही निर्भर लगती हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर के पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। पार्टी के अंदरखाने की मानें तो थरूर जानबूझकर ऐसा माहौल बना रहे हैं जिससे राहुल गांधी उन्हें निकालने के लिए मजबूर हो जाएं।
RSS पर दिए बयान को भी इसी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व उन्हें “शहीद” बनाने से बचना चाहता है।
अब सबकी नजरें राहुल गांधी के अगले कदम पर हैं – क्या थरूर जाएंगे या कांग्रेस ही उन्हें रास्ता दिखाएगी?



















































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































