
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क :
ऑपरेशन सिंदूर और हाल के आतंकी हमलों को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी तेज कर दी है। मंगलवार (3 जून) को दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हुई, जिसमें 16 विपक्षी दलों ने मिलकर इस मुद्दे पर रणनीति तैयार की। बैठक के बाद विपक्ष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर सवाल उठाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र बुलाने की औपचारिक मांग की। विपक्ष का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर, जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले, भारत-पाक सीमा तनाव, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर बयान जैसे मुद्दे राष्ट्र की सुरक्षा और गरिमा से जुड़े हैं, इसलिए इन पर संसद में खुलकर चर्चा होनी चाहिए। डेरेक ओ’ब्रायन टीएमसी सांसद ने कहा हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। सरकार संसद को जवाब दे, सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नहीं। दीपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस सांसद ने कहा हमने सरकार और सेना को हमेशा समर्थन दिया है। अब वक्त है कि संसद में सेना को धन्यवाद दिया जाए और आतंकवाद के खिलाफ आगे की रणनीति पर चर्चा हो। सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा आप दुनियाभर को जानकारी दे रहे हैं, लेकिन अपनी संसद को नहीं। कूटनीति के स्तर पर सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। यह संसद में चर्चा का विषय है। शवसेना, उद्धव गुट संजय राउत ने कहा अगर ट्रंप की बात पर युद्धविराम हो सकता है, तो विपक्ष की बात पर संसद सत्र क्यों नहीं? क्या हमें भी ट्रंप के पास जाना होगा। राजद नेता मनोज झा ने कहा पहलगाम हमला देश की सामूहिक पीड़ा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश एकजुट था। 1962 में भी विशेष सत्र बुलाया गया था, अब भी इसकी जरूरत है। सत्र बुलाने की मांग करने वाले विपक्षी दलों में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, डीएमके, शिवसेना (उद्धव गुट), आरजेडी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई (एम), सीपीआई, आईयूएमएल, आरएसपी, जेएमएम, वीसीके, केरल कांग्रेस, एमडीएमके, भाकपा (माले) लिबरेशन शामिल हैं। विपक्षी दलों ने साफ कहा है कि वे सरकार से जवाब चाहते हैं और यह जवाब केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस या अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नहीं, बल्कि भारतीय संसद में दिया जाना चाहिए। फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से इस मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।