राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कड़े सवचाल किए। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, क्या जेजे बताएंगे- भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ दिया गया है? पाकिस्तान की निंदा करने में एक भी देश ने हमारा साथ क्यों नहीं दिया? ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए किसने कहा? भारत की विदेश नीति ध्वस्त हो गई है।’

राहुल ने 17 मई को ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया। इसमें जयशंकर का बयान था। राहुल ने लिखा, ‘हमारे हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था। विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। 1. इसे किसने अधिकृत किया? 2. इसके परिणामस्वरूप हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?’

इसके बाद 19 मई को राहुल ने फिर जयशंकर से सवाल किए। उन्होंने लिखा, ‘विदेश मंत्री जयशंकर की चुप्पी सिर्फ बयानबाजी नहीं है- यह निंदनीय है। इसलिए मैं फिर से पूछूंगा- हमने कितने भारतीय विमान खो दिए, क्योंकि पाकिस्तान को पता था? यह कोई चूक नहीं थी। यह एक अपराध था। और देश को सच्चाई जानने का हक है।’
दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के बाद 15 मई को पत्रकारों से बात हुए जयशंकर ने कहा था, ‘यह स्पष्ट है कि कौन गोलीबारी बंद करना चाहता था। हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट करके जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें हासिल कर लिया है। चूंकि प्रमुख लक्ष्य हासिल कर लिए गए थे, इसलिए मुझे लगता है कि हमने उचित रूप से यह रुख अपनाया, क्योंकि हमने पाकिस्तान को यह संदेश भेज दिया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह खड़ी रहे और हस्तक्षेप न करे।’
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया को विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने राहुल के बयान को तथ्यों का पूरी तरह से गलत प्रस्तुतीकरण बताया था। विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर के खिलाफ लगाए गए उन आरोपों का खंडन किया था कि सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू होने से पहले पाकिस्तान को सूचित किया। विदेश मंत्रालय के एक्सपी डिवीजन के अनुसार, जयशंकर ने कहा था कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद शुरुआती चरण में ही पाकिस्तान को चेतावनी दे दी थी।

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