राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क
लखनऊ: लखनऊ नगर निगम में सोमवार सुबह कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। मेयर सुषमा खर्कवाल ने सुबह 11 बजे औचक निरीक्षण के लिए दफ्तर का रुख किया। लेकिन, वहां उन्हें न कर्मचारी दिखे, न अधिकारी। कई अपर आयुक्त, बाबू, और अन्य कर्मचारी अपनी कुर्सियों से गायब थे।
स्थिति का जायजा लेने के बाद मेयर ने तुरंत नगर निगम मुख्यालय का मुख्य गेट बंद करवा दिया। इसके बाद कार्यालय का बारीकी से निरीक्षण शुरू किया। बाहर देखा तो कुछ कर्मचारी गपशप में मशगूल थे, तो कुछ चाय पीते हुए समय बिता रहे थे।
इस अचानक निरीक्षण से नगर निगम में हड़कंप मच गया। जिन कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर पहुंचना चाहिए था, वे मुख्य द्वार के बाहर ही फंसे रह गए।
यह घटना एक बार फिर सवाल उठाती है कि सरकारी विभागों में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम कितना जरूरी है। मेयर के इस कदम से अनुशासनहीन कर्मचारियों को सख्त संदेश गया है।












































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































