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“वंदे मातरम् विवाद पर राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार और RSS पर तीखा हमला बोला। कहा—जब कांग्रेस के नेता जेल जा रहे थे, तब RSS अंग्रेजों की नौकरी कर रही थी। खड़गे ने राष्ट्रवाद पर बीजेपी को घेरा।”

नई दिल्ली। राज्यसभा में वंदे मातरम् पर हुई चर्चा के दौरान राजनीतिक माहौल उस समय गरम हो गया जब कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी और RSS पर सीधा हमला बोला। खड़गे ने आरोप लगाया कि जो लोग आज राष्ट्रवाद और देशभक्ति के प्रमाण पत्र बाँट रहे हैं, वे ही स्वतंत्रता संग्राम के समय ब्रिटिश शासन के सहयोगी बने हुए थे।

खड़गे ने सदन में कहा—

  • “1921 में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया। उस समय लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी ‘भारत माता की जय’ और ‘महात्मा गांधी की जय’ का नारा लगाते हुए जेल जा रहे थे।”
  • “लेकिन उसी समय RSS और इसके विचारधारा से जुड़े लोग अंग्रेजों की नौकरी कर रहे थे। आज वही हमें देशभक्ति सिखा रहे हैं।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस के त्याग और बलिदान का इतिहास किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं—गांधी, नेहरू, पटेल, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद, सुभाष चंद्र बोस और असंख्य कार्यकर्ताओं ने जेल, यातना और संघर्ष झेला है।

खड़गे के मुताबिक—

  • “जो संगठन आज राष्ट्रवाद का ठेका लिए घूम रहा है, वह स्वतंत्रता आंदोलन से दूर रहा। इसलिए आजादी की लड़ाई पर उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार इनके पास नहीं है।”

राज्यसभा में खड़गे के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई, जबकि विपक्षी दलों ने उनकी बात का समर्थन किया।

वंदे मातरम् पर हुई चर्चा के दौरान यह बयान राजनीतिक रूप से विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह सीधा RSS की ऐतिहासिक भूमिका और BJP की वैचारिक पृष्ठभूमि पर सवाल उठाता है।

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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल

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