
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 75वें जन्मदिन पर धार में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए इंडिया टुडे के एक्सक्लूसिव खुलासे का ज़िक्र किया जिसमें पहली बार जैश-ए-मोहम्मद ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर में नुकसान उठाने की बात कबूल की थी। उन्होंने कहा कि जैश के एक शीर्ष कमांडर का कबूलनामा इस बात का सबूत है कि नया भारत न सिर्फ़ आतंक का डटकर जवाब देता है, बल्कि किसी की भी परमाणु धमकियों से नहीं डरता। जोरदार तालियों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकियों ने हमारी बहन-बेटियों के सिंदूर पोछे थे। हमने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। हमारे बहादुर सशस्त्र बलों ने पलक झपकते ही पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। कल ही देश और दुनिया ने एक और पाकिस्तानी आतंकवादी को रोते हुए अपनी आपबीती सुनाते देखा। यह नया भारत है। यह किसी की परमाणु धमकियों से नहीं डरता। यह नया भारत है जो आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारता है। सभा की शुरुआत में पीछे से जब हलचल हुई तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप कितनी भी दूर क्यों न हो, आपके दिल की बात तो समझ ही लेता हूं जी। गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि जैश के शीर्ष कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने एक वायरल वीडियो में स्वीकार किया है कि 7 मई को संगठन के बहावलपुर मुख्यालय – जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह पर हुए हमले में जैश प्रमुख मसूद अज़हर के परिवार के सदस्य मारे गए थे। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए शुरू किया गया था, जिसमें 25 पर्यटक मारे गए थे। बहावलपुर के अलावा, पाकिस्तान के अंदर भारत के सबसे साहसी हवाई हमले में आठ अन्य आतंकी ठिकानों को भी मलबे में तब्दील कर दिया गया। पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों से घिरे कश्मीरी ने अपने कबूलनामे में स्वीकार किया कि बहावलपुर हमले में अज़हर के परिवार को टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया था। उसने दिल्ली और मुंबई आतंकी हमलों में जैश की भूमिका को भी स्वीकार किया और खुलासा किया कि पाकिस्तान का बालाकोट क्षेत्र लंबे समय से मसूद अज़हर के मिशनों और कार्यक्रमों का अड्डा रहा है।पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सब देखते हैं कि मां ठीक रहती है तो सब ठीक रहता है। मां अगर बीमार होती है तो सारी व्यवस्थाएं चरमरा जाती हैं। स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार मांओं-बहनों को समर्पित है। एक भी महिला जानकारी या संसाधनों के अभाव में गंभीर बीमारी का शिकार न हो। ऐसी कई बीमारियां होती हैं जो चुपचाप आती हैं और धीरे-धीरे बड़ी बन जाती हैं। आज विश्वकर्मा जयंती पर मैं आपसे कुछ मांगने आया हूं। मैं आपसे यही मांगता हूं कि संकोच किए बिना इन कैंप में जाकर जांच जरूर कराएं। एक बेटे के नाते, एक भाई के नाते मैं आपसे इतना तो मांग सकता हूं न।