राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। संसद का मानसून सत्र (28 जुलाई) से पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखी बहस के लिए तैयार है, जहाँ पहले हफ़्ते के हंगामे के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष आमने-सामने होंगे। भारत की सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होने के मद्देनजर कहा कि जब पाकिस्तान ने भारत द्वारा खींची गयी लाल रेखा पार की, तो उसके आतंकवादी शिविरों को आग का सामना करना पड़ा। रीजीजू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक ‘पोस्ट’ में कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर पर आज चर्चा शुरू हो रही है…जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की, तो लंका जल गई। जब पाकिस्तान ने भारत द्वारा खींची गई लाल रेखा पार की, तो उसके आतंकवादी शिविरों को आग का सामना करना पड़ा।’’रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल और निर्णायक ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर संसद में सोमवार को विशेष चर्चा शुरू करेंगे। ऐसी संभावना है कि लोकसभा में आक्रामक तेवर दिखा रहा विपक्ष अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘परमाणु युद्ध को टालने के लिए’’ मध्यस्थता की और उन्हें ‘‘संघर्षविराम’’ पर राजी किया। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसने पाकिस्तान को निशाना बनाकर की जा रही गोलीबारी और सैन्य गतिविधि इस्लामाबाद के कहने पर तथा भारत एवं पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच ‘‘सीधी बातचीत’’ के बाद रोकी थी।इसके अलावा आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “…यह भारत के लोगों की इच्छा थी कि प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का फैसला किया। आज, लोकसभा पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करेगी… मैं विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस से अनुरोध करता हूँ कि वे भारत के हितों को नुकसान पहुँचाने वाला कुछ भी न करें और पाकिस्तान की भाषा न बोलें। हमें सावधान रहना होगा… हमें भारतीय सशस्त्र बलों की गरिमा बनाए रखनी होगी। कांग्रेस और विपक्ष को ऐसा कुछ भी नहीं बोलना चाहिए जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुँचे… वे भारत के खिलाफ जो कुछ भी बोलते हैं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तानियों और भारत के बाहरी दुश्मनों द्वारा किया जाता है…”

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