राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
गया वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ बिहार के गया के चाकंद बौली मैदान में 13 जून को श्वक्फ बचाओ दस्तूर बचाओश् सभा का आयोजन किया गया है। वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए आयोजित होने वाली इस सभा में कई प्रमुख मुस्लिम बुद्धिजीवी और मौलाना शामिल होंगे। वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ होने वाली इस सभा में इमारत-ए-शरिया बिहार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल के शरीयत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी समेत देश के कई बड़े मुस्लिम बुद्धिजीवी और मौलाना शामिल होंगे। इस सभा की तैयारी व्यापक तौर पर चल रही है। फोरम फॉर जस्टिस के अध्यक्ष फैयाज हुसैन ने कहा कि वक्फ का मुद्दा सिर्फ गया नहीं, पूरे देश का है। श्वक्फ बचाओ दस्तूर बचाओश् सभा में बड़ी संख्या में मुसलमान भाग लेंगे। इमारत-ए-शरिया गया के काजी मौलाना वसीम, फोरम फॉर जस्टिस के फैयाज हुसैन और प्रो. गुलाम समदानी ने संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता में बताया कि 13 जून को चाकंद के बौली मैदान में ‘वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ’ के नाम से एक बड़ी सभा होगी, जिसमें 25 से 30 हजार लोग शामिल होंगे। कहा गया कि ये सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि अपने हक और संविधान की हिफाजत की आवाज होगी। इस सभा में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और इमारत-ए-शरिया के आला ओहदेदार भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि वक्फ का मामला धार्मिक है, लेकिन सरकार ने जो कानून पास किया है, वह अपने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किया है। इमारत-ए-शरिया गया के काजी मौलाना वसीम अख्तर तासिमी ने वक्फ संशोधित कानून 2025 को असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वक्फ संशोधन कानून में 40 से ज्यादा बदलाव रखे गए हैं, जिनकी वजह से सरकारी हस्तक्षेप के जरिए वक्फ संपत्तियों पर कब्जा होने का खतरा है। हम संवैधानिक तरीके से अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे। सभा शांतिपूर्ण तरीके से होगी।प्रो. गुलाम समदानी ने कहा कि सभा चाकंद में शुक्रवार की शाम चार बजे से शुरू होकर रात नौ बजे तक चलेगी। इस सभा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे।

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