राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ । कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मोहन भागवत पर लिखे उनके लेख को लेकर निशाना साधा और कहा कि आरएसएस प्रमुख को उनके 75वें जन्मदिन पर अतिशयोक्तिपूर्ण विशेष संदेश संघ नेतृत्व का पक्ष लेने की एक हताश कोशिश है। भागवत की बौद्धिक गहराई और संवेदनशील नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि 2009 से आरएसएस प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल इसकी 100 साल की यात्रा में सबसे परिवर्तनकारी काल माना जाएगा।इसके जवाब में कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आरएसएस नेतृत्व को खुश करने की अपनी बेताब कोशिश में आज मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर एक अतिशयोक्तिपूर्ण विशेष संदेश लिखा है। प्रधानमंत्री ने याद किया कि 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपना अमर भाषण दिया था। प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में अल-कायदा के आतंकी हमले हुए थे।कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि लेकिन हैरानी की बात नहीं है कि प्रधानमंत्री ने यह ज़िक्र नहीं किया कि 11 सितंबर 1906 को महात्मा गांधी ने जोहान्सबर्ग में पहली बार सत्याग्रह का आह्वान किया था। उसी समय दुनिया ने पहली बार इस क्रांतिकारी विचार को सुना था। बेशक, प्रधानमंत्री से सत्याग्रह की उत्पत्ति को याद रखने की उम्मीद करना बहुत ज्यादा हो जाता है, क्योंकि सत्य शब्द ही उनके लिए अपरिचित है। प्रधानमंत्री, जो स्वयं को नॉन-बायलॉजिकल बताते हैं, अपने प्रवचनों को ऐसे प्रस्तुत करते हैं मानो वे स्वयं God-se हों।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोहन भागवत की ‘‘बौद्धिक गहराई और सहृदय नेतृत्व’’ की प्रशंसा करते हुए कहा है कि 2009 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल इस संगठन की 100 साल की यात्रा में सर्वाधिक परिवर्तन का कालखंड माना जाएगा। भागवत के 75वें जन्मदिन पर बृहस्पतिवार को कई अखबारों में प्रकाशित लेख में मोदी ने कहा कि संघ प्रमुख ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का जीवंत उदाहरण हैं और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज को संगठित करने, समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि इस साल विजया दशमी पर आरएसएस 100 वर्ष का हो जाएगा और इसके साथ ही महात्मा गांधी की जयंती, लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी उसी दिन आ रही है। उन्होंने कहा कि इस संगठन के पास भागवत जैसे दूरदर्शी और परिश्रमी सरसंघचालक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भागवत ने दिखाया है कि जब लोग सीमाओं से ऊपर उठते हैं और सभी को अपना मानते हैं, तो इससे समाज में विश्वास, भाईचारा और समानता मजबूत होती है। उनके मृदुभाषी स्वभाव की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि भागवत में सुनने की भी अद्भुत क्षमता है, जो न केवल उनके दृष्टिकोण को गहराई देती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व में संवेदनशीलता व गरिमा भी लाती है। उन्होंने कहा कि सरसंघचालक होना मात्र एक संगठनात्मक जिम्मेदारी नहीं है।



































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































