
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। राजद नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार में बहुप्रतीक्षित ‘ड्राफ्ट मतदाता सूची’ जारी की, जिसमें 7.24 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल किए गए, लेकिन 65 लाख से ज़्यादा नामों को हटा दिया गया। आयोग का दावा है कि ज़्यादातर संबंधित व्यक्ति मर चुके हैं या पलायन कर चुके हैं।राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरा नाम मतदाता सूची में नहीं है। मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा? दूसरी ओर भाजपा ने इसे झूठ बताया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि तेजस्वी यादव का यह दावा कि विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची से उनका नाम गायब है, झूठा है। उनका नाम क्रमांक 416 पर है। गलत सूचना को बढ़ावा देने से पहले कृपया तथ्यों की पुष्टि कर लें। मतदाताओं को गुमराह करने के जानबूझकर किए जा रहे प्रयासों का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।भाजपा नेता ने सलाह देते हुए कहा कि कृपया गलत सूचना को बढ़ावा देने से पहले तथ्यों की पुष्टि कर लें। मतदाताओं को गुमराह करने के जानबूझकर किए गए प्रयासों का विरोध किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि तेजस्वी यादव ने एक शरारतपूर्ण दावा किया है कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है। उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर दर्ज है। इसलिए, यह दावा कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं है, झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत है।चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि वह राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जिलेवार मुद्रित प्रतियां उपलब्ध करा रहा है ताकि यदि कोई विसंगति हो तो उसे ‘दावों और आपत्तियों’ के चरण के दौरान चिन्हित किया जा सके। यह चरण ‘अंतिम नामावलियाँ’ प्रकाशित होने से पहले 1 सितंबर तक जारी रहेगा। हालाँकि, मुख्य विपक्षी दल, राजद, इस प्रणाली से नाखुश था और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए एक ज्ञापन में, उसने ‘विधानसभा क्षेत्रवार’ विभाजन की मांग की ताकि इसे आसानी से डाउनलोड किया जा सके।