लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) बल का 78 वर्ष का इतिहास अनुशासन, शौर्य, त्याग व समर्पण से परिपूर्ण रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश पीएसी के स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत के अवसर पर जवानों से अपील की कि साहस, अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा, व्यावसायिक दक्षता व कठिन प्रशिक्षण ही उनकी पहचान बननी चाहिए। आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार आश्वस्त करती है कि उन्हें मिलने वाले सम्मान व सरकारी सुविधाओं में निरंतर वृद्धि होती रहेगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश में आत्मविश्वास का प्रमुख कारण कानून का राज है। कानून का राज ही सुशासन की गारंटी दे सकता है। सुशासन में ही निवेश सुरक्षित हो सकता है और सुरक्षित निवेश ही युवाओं की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बन सकता है।” एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने पीएसी द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन व अवलोकन किया। उन्होंने 78 वर्ष के गौरवशाली इतिहास के लिए पीएसी को बधाई दी। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पीएसी आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, प्रदेश में महत्वपूर्ण त्योहारों, अतिविशिष्ट व्यक्तियों के आगमन और शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सुनिश्चित करने के साथ ही संवेदनशील परिस्थितियों में अग्रिम मोर्चे पर कार्य करता है। 

मुख्यमंत्री ने पीएसी के अदम्य साहस का उल्लेख करते हुए बताया कि 30वीं वाहिनी पीएसी के जवानों ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया और पांचों आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया। उन्होंने कहा कि जुलाई 2005 में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर पर आतंकी हमले के दौरान सीआरपीएफ, पीएसी और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीम ने सभी आतंकियों को मार गिराया था। आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएसी की 46 कंपनियों को पुनर्जीवित करते हुए राज्य में बेहतर कानून-व्यवस्था बनाए रखी है और आंतरिक सुरक्षा के माध्यम से उत्तर प्रदेश की बेहतर छवि को देश के सामने प्रस्तुत करने में सफलता हासिल की। 

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