राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अपराध और राजनीति का गहरा रिश्ता फिर सामने आया है. एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि कुल 1314 उम्मीदवारों में से 27 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 32 फीसदी उम्मीदवार किसी न किसी आपराधिक आरोप में घिरे हुए हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में राजनीति और अपराध का पुराना गठजोड़ एक बार फिर उजागर हुआ है. एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) और बिहार इलेक्शन वॉच द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 1314 उम्मीदवारों में से 27 फीसदी उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपी हैं.

354 प्रत्याशियों पर गंभीर आरोप

रिपोर्ट में बताया गया है कि 1303 उम्मीदवारों के शपथपत्रों के विश्लेषण के आधार पर यह आंकड़े सामने आए हैं. इनमें से 423 उम्मीदवारों (करीब 32%) ने खुद अपने ऊपर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. जबकि 354 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर हत्या, हत्या की कोशिश, महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार जैसे गंभीर आरोप लगे हैं.

फर्स्ट फेज के 33 उम्मीदवारों पर हत्या का आरोप

सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा यह है कि 33 उम्मीदवारों पर हत्या, 86 पर हत्या की कोशिश और 42 उम्मीदवारों पर महिलाओं पर अत्याचार से जुड़े मामले दर्ज हैं. वहीं, दो प्रत्याशियों ने अपने ऊपर रेप से जुड़े मामले का भी जिक्र किया है. ये आंकड़े बिहार की राजनीति में अपराध की गहराई को एक बार फिर उजागर करते हैं.

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