
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट ‘जल-जीवन-मिशन’ को फाइनल टच देने के लिए उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह धरातल पर उतर पड़े हैं। इस सिलसिले की शुरूआत बुंदेलखण्ड से हुई है। बुधवार को मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव और आला अधिकारियों के साथ ललितपुर जिले में थे। सबसे पहले जल शक्ति मंत्री ने मिशन से जुड़े अधिकारियों के साथ जल-जीवन-मिशन की मौजूदा स्थिति और मुश्किलों पर लम्बी बैठक की। इसके बाद मिशन से जुड़े अधिकारियों के साथ हालात समझने निकल पड़े। कचौंदा, ताल-गांव, सुनवहा आदि इलाकों में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने घूम-घूमकर मिशन की हकीकत समझी। उन्होंने इस दौरान छोटी बैठकों, दुकानदारों, घरेलू महिलाओं से भी ने सवाल किये। पानी की गुणवत्ता भी जांची गयी। गांव की सड़कों की मरम्मत, पानी का कम दबाव सरीखी समस्यायें भी उनके के संज्ञान में लायी गयीं, जिन्हें दूर करने के निर्देश भी दिए। इसी तरह की जमीनी परख 27 जून तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में की जायेगी। जलशक्ति मंत्री ललितपुर के अलावा झांसी, जालौन, कानपुर आदि जिलों में भी जमीनी हकीकत जानने जाएँगे। इस दौरान मंत्री और अफसर, आमजन के बीच जाकर सीधे उनसे पूछेंगे कि “क्या आपके घर में अच्छी गुणवत्ता युक्त पानी आ रहा है?” इस संवादात्मक निरीक्षण से काम की गुणवत्ता तो सामने आयेगी ही, जनता को भी सीधे उत्तरदायित्व के केंद्र में लाया जा सकेगा। गौरतलब है कि जिन जनपदों में जल जीवन मिशन की पाइपलाइन बिछ चुकी है और नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं, वहाँ विशेष रूप से जल आपूर्ति की गुणवत्ता, दबाव और समयबद्धता का आकलन करने का अभियान आगे भी चलेगा। अधिकारी प्रत्येक जनपद के दो से तीन ब्लॉकों के चयनित ग्रामों में रहकर पानी के स्रोत, जलग्रहण क्षेत्रों, टंकियों और वितरण प्रणाली की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे। अनियमितता या जनता की शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और मौके पर ही निराकरण की दिशा में कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।