राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क
हरदोई। भ्रामक नामों से उर्वरक की बिक्री करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी ने गाइड लाइन जारी कर दी है।
जिला कृषि अधिकारी और अधिसूचित प्राधिकारी (उर्वरक) ने सभी थोक और खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि कई दुकानदार उर्वरक की बिक्री भ्रामक नामों से कर रहे हैं। कुछ व्यापारियों द्वारा फास्फेट रिच ऑर्गेनिक मैन्योर के बैगों पर भारत डीएपी, डीएपी (ड्यूरेबल एग्रीकल्चर प्रोडक्ट), डीएपी (डबल एक्शन पावर), और डीओपी जैसे भ्रामक नामों का उपयोग किया जा रहा है। मिले-जुले नाम होने के कारण किसान धोखा खा जाते हैं। ऐसे में यह उत्पाद आसानी से बिक जाते हैं। यह काम गैरकानूनी है। ऐसे उत्पादों की बिक्री रोकने के लिए शासन ने सख्त आदेश दिए हैं। कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं उत्पादों का निर्माण, विक्रय, भंडारण और वितरण किया जाए जो उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत सूचीबद्ध हैं या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित हैं। यदि कोई विक्रेता इन निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।