राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क कानपुर देहात। सीएसए के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर के कृषि वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने धान नर्सरी को पीली व सफेद होने से बचाने हेतु बताया कि किसानों की धान की नर्सरी सूरज की तपिश व अधिक गर्मी से धान की नर्सरी पीली व सफेद तो हो ही रही है, इसके साथ ही खेतों में दरार पड़ने से नर्सरी के खराब होने की संभावना है। पिछले एक सप्ताह से आग उगलती गर्मी के कारण पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इससे खेतों में धान की नर्सरी सूखने जैसी लगी है। उन्होंने बताया कि जिले में 30 से 35 फीसदी से अधिक किसानों ने धान की नर्सरी डाल दी है। ऐसे में धान की नर्सरी पर मौसम का विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। किसानों को सलाह दी जाती है कि धान की नर्सरी पीली व सफेद हो रही हो तो खेत में प्रति टंकी तीन सौ ग्राम यूरिया, 75 ग्राम जिंक सल्फेट, 75 ग्राम फेरस सल्फेट के साथ 23 मिलीग्राम मात्रा प्रोपिकोनाजोल का घोल बनाकर छिड़काव करें। छिड़काव करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हवा न बह रही हो। साथ ही किसान भाई समय-समय पर सिंचाई भी करते रहें।खेत में नमी बनाए रखने की जरूरत है। शाम को खेत में पानी लगाएं तो सुबह निकाल दें। इससे धान की नर्सरी को फायदा होगा। भीषण गर्मी को देखते हुए खेत में नमी बनाए रखने की जरूरत है, ताकि नर्सरी सूखने न पाए। समय-समय पर सिंचाई करते रहें।

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