राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ। प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में स्थानांतरण को लेकर कभी माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में बनी एक कमेटी भी वर्तमान में काम कर रही है उसके बावजूद भी पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा छुट्टी के दिन बड़े पैमाने पर गर्मी के महीने में स्थानांतरण करके प्रदेश की बिजली व्यवस्था को पटरी से उतारने के लिए प्रयास किया गया है। जो निश्चित तौर पर बहुत ही निंदनीय है। इससे ज्यादा निंदनीय है यह कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने एक संदेश जारी किया है कि तत्काल सभी को कार्य मुक्त कर दिया जाए। छुट्टी के दिन कार्य मुक्त करने से बड़े पैमाने पर विद्युत व्यावधन की भी आशंका है। इसके बावजूद भी पावर करपोरेशन प्रबंधन इस प्रकार की कार्यवाही में जुटा है निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार को इस पर हस्तक्षेप करते हुए उचित कदम उठाना चाहिए। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश सरकार से ऊर्जा सेक्टर में हुए स्थानांतरण की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग उठाई कहा है कि ज्यादातर ट्रांसफर स्थानांतरण पॉलिसी के विपरीत किया गए हैं। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष आर पी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर, अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार, संयुक्त सचिव आर के राव ने कहा कभी पावर कारपोरेशन में यह नियम था कि स्थानांतरण गर्मी में ना किया जाए लेकिन वर्तमान में जब पूरे प्रदेश में बिजली को लेकर हाहाकार मचा है तो सैकड़ो की संख्या में स्थानांतरण कर दिए गए जिससे निश्चित तौर पर बिजली व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न होगा। पावर कॉरपोरेशन क्या चाहता है कि पूरे उत्तर प्रदेश में व्यवस्था फैल हो जाए इस पर उसे जरूर सोचना चाहिए। संगठन के नेताओं ने कहा इस प्रकार की कार्रवाई से ऐसा प्रतीत होता है कि बिजली व्यवस्था को पटरी से उतार कर निजीकरण का माहौल बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। जो पूरे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को संकट में डालने जैसी स्थिति है

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