राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। नयी दिल्ली बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने ने मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण ;एसआईआरद्ध शुरू किया हैए जिसका उद्देश्य राज्य में प्रत्येक मतदाता की पात्रता की पुष्टि करना है। यह अभियान राजनीतिक दलों और जिला प्रशासन के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसके लिए चुनाव आयोग ने बूथ स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है। एसआईआर के तहतए ईसीआई ने पहले से मौजूद 77ए895 बूथ लेवल अफसरों ;बीएलओद्ध के अलावा 20ए603 और बीएलओ तैनात किए हैं। इसके अलावा एक लाख से ज्यादा स्वयंसेवक भी लगाए गए हैंए जो बुजुर्गोंए दिव्यांगोंए बीमारए गरीब और कमजोर वर्ग के मतदाताओं की मदद करेंगे। सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों ने पुनरीक्षण प्रक्रिया में सहायता के लिए 1ए54ए977 बूथ लेवल एजेंट ;बीएलएद्ध नियुक्त किए हैंए साथ ही काम आगे बढ़ने पर और एजेंट नियुक्त करने का विकल्प भी दिया गया है। बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में पंजीकृत 7ण्89 करोड़ मतदाताओं के लिए गणना प्रपत्र ;ईएफद्ध घर.घर जाकर वितरित किए जा रहे हैं और ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। इनमें करीब 4ण्96 करोड़ मतदाता ऐसे हैं जो 1 जनवरी 2003 तक पंजीकृत हो चुके थे। उन्हें सिर्फ अपनी जानकारी की पुष्टि करके फॉर्म जमा करना है। जिला मजिस्ट्रेट और संभागीय आयुक्त बीएलओ की तैनाती की देखरेख कर रहे हैं। साथ हीए चुनाव आयोग बिहार में 5ण्74 करोड़ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर एसएमएस भेजकर भी मतदाताओं से संपर्क कर रहा है। चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी काम तय समय पर चल रहे हैं और यह भी भरोसा दिलाया कि सिर्फ 18 साल से ऊपर के भारतीय नागरिकए जो संबंधित क्षेत्र में रहते हैंए वही वोट देने के योग्य होंगे। यह अभियान बिहार में अब तक का सबसे बड़ा मतदाता सत्यापन अभियान माना जा रहा हैए जो अधिकतम नागरिक और राजनीतिक भागीदारी के माध्यम से एक स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई के प्रयास को दर्शाता है। चुनाव नजदीक आने पर राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं। वे जनता से मिल रहे हैंए रैलियां कर रहे हैं और कुछ कल्याणकारी योजनाओं की घोषणाएं भी कर चुके हैं। इसके अलावाए कांग्रेस और सीपीआई सहित विपक्षी दल मतदाता सूची संशोधन पर सवाल उठा रहे हैं और चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने के आरोप लगा रहे हैं।

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