राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़। यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी के अध्यक्ष ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की सरकार को कठपुतली सरकार बताया और आरोप लगाया कि ये कठपुतली सरकार लोगों की वैध और सही मांगों को भी पूरा करने में नाकाम रही।पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में इन दिनों उबाल है और विरोध प्रदर्शन के दौरान तीन प्रदर्शनकारियों की मौत से लोगों का गुस्सा और भड़क गया है। पीओके का विरोध प्रदर्शन इस कदर व्यापक हो गया है कि विदेशों में बसे पीओके के लोग भी प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के अध्यक्ष शौकत अली कश्मीरी ने स्विट्जरलैंड में न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा कि यह विरोध प्रदर्शन लोगों की बुनियादी जरूरतों को लेकर है। उन्होंने कहा कि पीओके के लोग बीते दो वर्षों से अपने बुनियादी अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बुनियादी जरूरतों के लिए प्रदर्शन कर रहे लोग
शौकत अली कश्मीरी ने कहा कि ‘जॉइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले लोग बीते दो वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं। यह आंदोलन बुनियादी जरूरतों को लेकर है। बीते 77 वर्षों से पीओके के लोगों को बुनियादी अधिकारों और जरूरतों से दूर रखा गया। पहले राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने मंच से विरोध प्रदर्शन कर रहीं थीं। फिर सभी राजनीतिक पार्टियों और आम लोगों ने मिलकर एक जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी का गठन किया। बीते दो वर्षों से ये कमेटी ही आंदोलन का नेतृत्व कर रही है।’यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी के अध्यक्ष ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की सरकार को कठपुतली सरकार बताया और आरोप लगाया कि ये कठपुतली सरकार लोगों की वैध और सही मांगों को भी पूरा करने में नाकाम रही। लोग बिजली की किल्लत, बेरोजगारी और संवैधानिक अधिकारों की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कठपुतली सरकार उनकी जायज मांगों को भी पूरा नहीं कर पा रही है।
पीओके के नेताओं ने दी बंद की धमकी
यूकेपीएनपी के नेताओं ने धमकी दी कि आने वाले समय में आंदोलन और तेज होगा क्योंकि लोग अब सोशल मीडिया के जरिए जुड़े हुए हैं। यूकेपीएनपी के नेता शौकत अली कश्मीरी ने धमकी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बंद रहेगा और पाकिस्तान जाने वाले सभी एंट्री पॉइंट बंद कर दिए जाएंगे। यूकेपीएनपी के विदेश मामलों के प्रमुख जमील मकसूद ने सेना पर मासूम लोगों पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया और कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों को निशाना बनाया गया। पीओके में विरोध प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को हालात बिगड़ गए और सुरक्षाकर्मियों ने लोगों की भीड़ पर गोलियां चला दीं, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 22 से ज्यादा अन्य घायल हुए हैं।

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