
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। एनडीए के घटक दल और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जनता दल (यूनाइटेड) की कमान छोड़ने की सलाह देते हुए कहा कि अब उनके लिए सरकार और पार्टी दोनों को एक साथ संभालना संभव नहीं रहा। इसके साथ ही, कुशवाहा यह सुझाव देने वाले भाजपा और जदयू के पहले सहयोगी बन गए। नीतीश के पुराने मित्र कुशवाहा ने उनके बेटे निशांत को जन्मदिन की बधाई देते हुए यह बात कही और उन्हें ‘जद(यू) की नई उम्मीद’ भी बताया।उपेंद्र कुशवाहा ने एक्स पर लिखा कि मीडिया/सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि आज बड़े भाई आदरणीय नीतीश कुमार जी के सुपुत्र निशांत का जन्मदिन है। खुशी के इस अवसर पर जेडीयू की नई उम्मीद निशांत को जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। ईश्वर उसे हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्नचित्त रखें। इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा कि इस अवसर पर आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी से अति विनम्र आग्रह है कि समय और परिस्थिति की नजाकत को समझते हुए इस सच को स्वीकार करने की कृपा करें कि अब सरकार और पार्टी दोनों का (साथ-साथ) संचालन स्वयं उनके लिए भी उचित नहीं है।उन्होंने कहा कि सरकार चलाने का उनका लंबा अनुभव है जिसका लाभ राज्य को आगे भी मिलता रहे, यह फिलहाल राज्य हित में अतिआवश्यक है। परन्तु पार्टी की जवाबदेही के हस्तांतरण (जो वक्त मेरी ही नहीं स्वयं उनकी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं/नेताओं की राय में अब आ चुका है) के विषय पर समय रहते ठोस फैसला ले लें। यही उनके दल के हित में है। और इसमें विलंब दल के लिए अपूर्णीय नुकसान का कारण बन सकता है। शायद ऐसा नुकसान जिसकी भरपाई कभी हो भी नहीं पाये।हालांकि, अपने पोस्ट के नोट में कुशवाहा ने यह भी लिखा कि मैं जो कुछ कह रहा हूं, जदयू के नेता शायद मुख्यमंत्री जी से कह नहीं पाएंगे और कुछ लोग कह भी सकते हों, तो वैसे लोग वहां तक पहुंच ही नहीं पाते होंगे। जेडी(यू) के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पर कहा कि उपेंद्र कुशवाहा एक वरिष्ठ नेता रहे हैं। नीतीश कुमार ने उन्हें विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया था और राज्यसभा के लिए मनोनीत करके उन्हें बहुत महत्व दिया था। एनडीए के सहयोगी और नीतीश कुमार के शुभचिंतक होने के नाते कुशवाहा ने अपनी चिंताएँ व्यक्त की हैं। लेकिन इस पर फैसला पूरी तरह से निशांत कुमार और मुख्यमंत्री पर निर्भर है। निशांत अपने पिता की इच्छा के अनुसार काम करेंगे।