राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।
लखनऊ। माटीकला में पारंगत व प्रशिक्षित कारीगरों के अब दिन बहुरेंगे। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी सुष्मिता सिंह ने बताया कि माटी कला और शिल्पकला को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है।
प्लास्टिक से निर्मित गिलास, कप और थाली आदि के प्रयोग को प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया है। इनसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता था। शासन की मंशा है कि मिटृटी के बर्तन, खिलौने और मूर्तियां आदि बनाकर बेचने वालों को रोजगार दिया जाए। लिहाजा 18 से 55 वर्ष की आयु वाले कुम्हार और परंपरागत कारीगरों को निशुल्क विद्युत चालित चाक मशीन दी जा रही है। इच्छुक लोग 31 जुलाई तक आनलाइन पंजीयन कर सकते हैं। इसके अलावा जिला ग्रामोद्योग कार्यालय पर भी संपर्क कर सकते हैं। वहीं सुष्मिता सिंह ने बताया कि माटीकला कौशल विकास योजना के तहत 15 दिवसीय शिल्पकारी प्रशिक्षण के लिए 22 शिल्पकारों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। हकेेतु जनपद-हरदोई को 22 शिल्पकारियों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। प्रशिक्षण में वही शामिल किए जाएंगे जिनका व्यवसाय माटीकला हो और आर्थिक रूप से निर्बल हों। यह प्रशिक्षण पूरी तरह से आवासीय होगा। इच्छुक लोग 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं।