
श्रवण कुमार की परंपरा जीवित: डोली में दादा-दादी को बैठाकर सोरों से एटा तक पैदल लाए परिजन
श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर भावनाओं से भरा दृश्य, भक्ति और सेवा की मिसाल बनी यात्रा
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क एटा : उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को एक ऐसा भावनात्मक दृश्य देखने को मिला, जिसने सभी को भावुक कर दिया। दूल्हापुर निवासी एक परिवार ने अपने बुजुर्ग दादा-दादी को सोरों गंगा स्नान कराकर डोली में बैठाकर एटा तक पैदल यात्रा कर श्रद्धा और सेवा की मिसाल पेश की।
इस विशेष यात्रा में परिवार के पांच बेटे, बहुएं, नाती-पोते और छोटे-छोटे बच्चे शामिल रहे, जिन्होंने मिलकर अपने बुजुर्गों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। सोरों में गंगा स्नान कराने के बाद उन्होंने डोली सजाई और पूरे सम्मान के साथ पैदल चलकर बुजुर्ग दंपती को एटा स्थित अपने घर तक लाए।
श्रवण कुमार की याद दिलाने वाली इस घटना ने राहगीरों और स्थानीय लोगों की आंखें नम कर दीं। श्रद्धा, सेवा और पारिवारिक मूल्यों से ओतप्रोत इस यात्रा को देखने वालों ने कहा कि आज के युग में ऐसे दृश्य विरले ही देखने को मिलते हैं।
परिजन सोमपाल पुत्र राजवीर सिंह ने बताया कि “यह पुण्य का अवसर हमें नहीं, हमारे 80 वर्षीय दादा-दादी को समर्पित है। उनकी सेवा ही हमारी भक्ति है साथ में हमारे चाचा श्याम बाबू, धर्मेंद्र कुमार सुबह 6 बजे कावर लेकर सौरों जी से चले थे वहाँ से कावर अपने गांव दुल्हापुर तक लेकर जाएंगे और हमारे साथ परिवार के 15 लोग शामिल हैं।” परिवार ने यह भी कहा कि यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था, बल्कि परिवार में बुजुर्गों के प्रति कृतज्ञता और संस्कारों का प्रतीक है।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के बीच यह यात्रा चर्चा का विषय बनी रही और इसे भक्ति, सेवा और भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं का प्रेरणास्रोत बताया गया।