“बिहार चुनाव के बाद यूपी भाजपा में बड़ा बदलाव तय। हाईकमान दिसंबर में नया प्रदेश अध्यक्ष चुन सकता है। ब्रजेश पाठक, स्वतंत्र देव और धर्मपाल सिंह दावेदार।”
लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली बंपर जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी अब उत्तर प्रदेश के संगठन और सरकार, दोनों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। पार्टी नेतृत्व का ध्यान अब पूरी तरह यूपी पर है, क्योंकि 2027 का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए एक बार फिर चुनौतीपूर्ण बन सकता है। इसी वजह से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति दिसंबर में होने की प्रबल संभावना है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक इस दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।
यूपी भाजपा अध्यक्ष का पद पिछले 11 महीनों से खाली है। बीते एक साल में कई बार संकेत आए कि नियुक्ति होने वाली है, लेकिन राष्ट्रीय घटनाक्रम ने फैसले को टलवा दिया। अब बिहार का चुनावी अध्याय पूरा होने के बाद भाजपा नेतृत्व यूपी में इंतजार नहीं करना चाहता।
पद खाली रहने की पृष्ठभूमि—क्यों 11 महीने तक यूपी संगठन रुका रहा?
जानकार बताते हैं कि भाजपा ने 2024–25 को “राष्ट्रीय वर्ष” के रूप में चलाया। इस दौरान:
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव
- हरियाणा में सत्ता संतुलन
- लोकसभा उपचुनाव
- फिर सबसे बड़ा—बिहार विधानसभा चुनाव
इन चुनावों की वजह से भाजपा का पूरा ध्यान संगठन के शीर्ष स्तर पर राष्ट्रीय रणनीति पर केंद्रित रहा।
यूपी जैसा बड़ा राज्य संगठनात्मक रूप से बेहद सेंसिटिव है, इसलिए पार्टी ने निर्णय को जल्दबाजी में लेने से परहेज़ किया।
अब हालात बदल चुके हैं।
बिहार में एनडीए की जीत ने भाजपा को अपेक्षित राजनीतिक स्थिरता दिलाई है। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि यूपी में बदलाव का यह सही समय है क्योंकि आगे चुनावों की लंबी श्रृंखला आने वाली है।
दिल्ली की दो-स्तरीय रणनीति: पहले अध्यक्ष, फिर योगी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल
पार्टी सूत्रों के अनुसार दिल्ली ने स्पष्ट रोडमैप बना लिया है, जिसके अनुसार दो महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे—
1- प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति
यह बदलाव संगठन स्तर पर ऊर्जा लाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रदेशाध्यक्ष वह कड़ी होता है जो केंद्र की योजनाओं, पार्टी की रणनीति और सरकार की नीतियों को基层 तक पहुँचाता है।
2- योगी सरकार 2.0 में बड़ा मंत्रिमंडल विस्तार
अध्यक्ष बदलने के बाद नया संगठन और सरकार मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे। इस प्रक्रिया में जातीय-सामाजिक समीकरणों को साधने की बड़ी चुनौती होगी।
दिल्ली का तर्क है कि अध्यक्ष प्राथमिक है, मंत्रिमंडल द्वितीय।
2027 की तैयारी का यह पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
योगी मंत्रिमंडल—6 पद खाली, कई मंत्रियों पर असंतोष, बड़े बदलाव का संकेत
योगी सरकार में वर्तमान में 54 मंत्री हैं जबकि मंत्रिमंडल की अधिकतम संख्या 60 है। यह 6 रिक्तियाँ भाजपा को अवसर देती हैं:
- दलित और पिछड़े वर्ग को अधिक प्रतिनिधित्व
- सहयोगी दलों को जगह
- खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बाहर करने का अवसर
- 2027 के लिए नई संतुलित टीम तैयार करना
आंतरिक फीडबैक रिपोर्ट के अनुसार कुछ विभागों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा।
कई मंत्रियों के कामकाज को लेकर नाराजगी पार्टी की रिपोर्टों में दर्ज है।
भाजपा चाहती है कि नया अध्यक्ष और नया मंत्रिमंडल—दोनों समन्वय से चुनावी तैयारी करें।
कौन-कौन है रेस में?—तीन नेताओं का विस्तृत प्रोफ़ाइल और राजनीतिक वजन
1- ब्रजेश पाठक — हाईकमान की संभावित पहली पसंद
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का नाम इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं:
राजनीतिक वजन
- ब्राह्मण समाज पर उनकी मजबूत पकड़
- शहरी से ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में स्वीकृति
- लखनऊ की राजनीति में प्रभावशाली छवि
संगठन में स्वीकार्यता
पिछले 9 वर्षों में पाठक ने भाजपा और आरएसएस, दोनों में अपनी जगह बनाई है।
उनकी राजनीतिक यात्रा बहुस्तरीय है—वकील, समाजसेवी, विधायक, मंत्री और अब डिप्टी सीएम।

दिल्ली से तालमेल
मोदी–शाह–नड्डा की तिकड़ी के साथ उनका भरोसेमंद संबंध है।
दिल्ली राजनीतिक तौर पर ऐसे नेता को चाहती है जो:
- मजबूत संगठन चला सके
- सरकार के साथ तालमेल बनाए रखे
- 2027 के लिए आक्रामक जनसंपर्क अभियान चला सके
इन सभी फ्रंट पर ब्रजेश पाठक फिट बैठते हैं।
2-स्वतंत्र देव सिंह — अनुभव का बड़ा बैंक, संघ की पसंद
स्वतंत्र देव सिंह भाजपा के पुराने और प्रशिक्षित संगठनात्मक नेता हैं।
उनकी विशेषताएँ:
- कुर्मी समाज में प्रभाव
- संघ का गहरा जुड़ाव
- साधारण, सरल और अनुशासित छवि
- चुनाव प्रबंधन का बड़ा अनुभव

यदि भाजपा 2027 को जातीय संतुलन के नजरिए से देखती है, तो स्वतंत्र देव सिंह एक मजबूत विकल्प माने जाते हैं।
3-धर्मपाल सिंह — लोध समाज का नेतृत्व, लेकिन लाभ सीमित
धर्मपाल सिंह लंबे समय तक भाजपा–आरएसएस लाइन पर सक्रिय रहे हैं।
उनका जातीय प्रभाव भी महत्वपूर्ण है, लेकिन लोध समाज पहले से भाजपा के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है।
इसलिए पार्टी को अतिरिक्त लाभ नहीं दिख रहा।
फिर भी, उनका नाम सूची में इसलिए है क्योंकि हाईकमान विकल्प खुले रखना चाहता है।

बदलाव क्यों अनिवार्य हुआ?
यूपी भाजपा की रणनीति सिर्फ 2025 या 2026 तक सीमित नहीं है। यह दीर्घकालिक चुनावी चक्र के हिसाब से योजना बनाती है।
इसमें तीन बड़े चुनाव शामिल हैं:
पंचायत चुनाव – अप्रैल 2026
यह चुनाव संगठन की कार्यक्षमता की असली परीक्षा होता है।
ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक भाजपा नए अध्यक्ष के नेतृत्व में टीम खड़ी करना चाहती है।
एमएलसी चुनाव
भाजपा एमएलसी में अपना प्रभाव बनाए रखना चाहती है, क्योंकि विधान परिषद में संख्या बदलने से कई विधायी फैसलों पर असर पड़ सकता है।
विधानसभा चुनाव – 2027
यह सबसे बड़ा लक्ष्य है।
भाजपा की चाहत है कि 2027 से कम से कम 18–20 महीने पहले संगठन और सरकार दोनों अपने चरम पर हों।
इसके लिए:
- नई जिलाध्यक्ष टीम
- नए मोर्चे
- बूथ कमेटियों का पुनर्गठन
- जातीय संतुलन
- सामाजिक अभियानों को नई गति
इन सबके लिए नया अध्यक्ष जरूरी है।
अंतिम कदम: दिसंबर में नामांकन, भाजपा की परंपरा—एक ही नाम फाइनल
चुनाव पर्यवेक्षक पीयूष गोयल दिसंबर में लखनऊ आने वाले हैं।

भाजपा के संविधान के अनुसार प्रदेश परिषद की बैठक में:
- नामांकन दाखिल किया जाएगा
- सिर्फ एक ही नाम का प्रस्ताव आएगा
- वही निर्विरोध अध्यक्ष बनेगा
भाजपा में यह प्रक्रिया औपचारिक होती है, लेकिन राजनीतिक संदेश बहुत गहरा होता है।
इसलिए राजनीतिक हलकों में यह लगभग तय माना जा रहा है कि दिसंबर में ही यूपी भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा और उसी के बाद योगी सरकार में बड़ा मंत्रिमंडल विस्तार होगा।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ला




















































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































