राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वित्त वर्ष 2025-26 में ब्याज दरों में बड़ी कटौती कर सकता है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई विकास की धीमी रफ्तार और महंगाई के नियंत्रण में आने का फायदा उठाते हुए भविष्य में ब्याज दरों में कटौती का कदम उठा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई अपनी नीति ऐसी रखेगी कि जब देश की आर्थिक वृ्द्धि धीमी हो जाएगी, तब वह अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए कदम उठाएगा। इसमें कहा गया, उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में और कटौती करेगा क्योंकि महंगाई काबू में होने के बावजूद देश की आर्थिक वृद्धि धीमी हो रही है।

मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि आरबीआई कुल मिलाकर 100 बेसिस प्वाइंट्स तक की कटौती कर सकता है। इसमें आगे चलकर 25 बेसिस प्वाइंट्स की दो और दरों में कटौती की उम्मीद है। केंद्रीय बैंक रेपो रेट को घटाकर 5.5 प्रतिशत कर देगा, जिसमें कुल 100 बेसिस प्वाइंट्स की छूट होगी। इसने कहा कि अगर वैश्विक विकास और कमजोर होता है, खासकर अगर संयुक्त राज्य अमेरिका में मंदी आती है, तो यह भारत की वृद्धि को और भी अधिक नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए दरों में और कटौती की संभावना बनी हुई है,
रिपोर्ट के अनुसार यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था अपेक्षा से अधिक धीमी हो जाती है या भारत में महंगाई तेज गति से कम होती है, तो आरबीआई ब्याज दरों में और बदलाव कर सकता है। अर्थव्यवस्था को सेहरा देने के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती करने के लिए दूसरे तरीकों का भी सहारा ले सकता है। इसमें वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त पैसा बनाए रखना और कर्ज वितरण को बढ़ावा देने के लिए नियमों को आसान बनाना शामिल है।

इसका मतलब है कि सरकार अपने खर्च को संतुलित रखने की कोशिश करेगी, लेकिन साथ ही बड़े प्रोजेक्ट्स पर खर्च बढ़ाया जाएगा ताकि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके। मौद्रिक नीति के तहत, आरबीआई की ओर से आर्थिक गतिविधियों को सहारा देने की कोशिश जारी रहेगी।

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