राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़

उत्तर प्रदेश के मऊ जिला जेल में बुधवार दोपहर अचानक हड़कंप मच गया। जेल प्रशासन को जानकारी मिली कि एक बंदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मृतक कैदी की पहचान अजीत रावत के रूप में हुई है। वह मूल रूप से गाजीपुर जिले के सैदपुर थाना क्षेत्र के विक्रमपुर गांव का रहने वाला था।

29 अगस्त 2025 से जेल में था बंद
अजीत रावत पर चोरी और गैंग बनाकर वारदात करने के आरोप थे। इसी मामले में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था और वह 29 अगस्त 2025 से मऊ जिला जेल में बंद था।

जेल हॉस्पिटल के पीछे पाइप से लटककर दी जान
बुधवार दोपहर कैदी ने जेल परिसर में बने हॉस्पिटल के पीछे एक पानी की पाइप में अपने गमछे से फांसी लगाकर जान दे दी। जब तक जेलकर्मियों की नजर उस पर पड़ी, वह मृत पाया जा चुका था। घटना की सूचना तुरंत जेल अधिकारियों और पुलिस को दी गई।

फोरेंसिक टीम ने जुटाए सबूत
घटना की खबर मिलते ही फोरेंसिक टीम जिला जेल पहुंची और मौके का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम ने उस स्थान से सबूत भी इकट्ठा किए, जहां कैदी लटका मिला था।

वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ होगा पोस्टमार्टम
पुलिस ने शव कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेजा। अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम डॉक्टरों के विशेष पैनल द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ कराया जाएगा, ताकि जांच पूरी तरह पारदर्शी रहे।

सीओ सिटी ने दी जानकारी
सीओ सिटी अंजनी कुमार पांडे ने बताया कि उन्हें बुधवार दोपहर करीब 2:30 बजे सूचना मिली थी कि जिला जेल में एक बंदी ने आत्महत्या कर ली है। मौके पर पहुंचकर जांच में पता चला कि उसने गमछे से लटककर जान दी। उन्होंने बताया कि पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

कैसे पहुंचा गमछा? क्यों चुनी यह जगह?
पुलिस और जेल प्रशासन अब इस बात की भी जांच कर रहे हैं—
– कैदी तक गमछा कैसे पहुंचा?
– उसे जेल हॉस्पिटल के पीछे जाने का अवसर कैसे मिला?
– उसने फांसी लगाने के लिए वही स्थान क्यों चुना?
प्रशासन का कहना है कि अभी तक की शुरुआती जांच में यह मामला स्पष्ट रूप से आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन मौत की वास्तविक वजह और परिस्थितियों को समझने के लिए हर पहलू से जांच जारी है।

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