राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क

देशभर में आपातकालीन स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति तत्परता बढ़ाने के लिए मॉकड्रिल (मॉक आपातकालीन ड्रिल) की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के बीच शनिवार को एक अहम बैठक हुई, जिसमें इस प्रक्रिया के लिए रणनीति पर चर्चा की गई।

बैठक में विभिन्न एजेंसियों और विभागों के साथ मिलकर मॉकड्रिल की पूरी योजना को अंतिम रूप दिया गया। यह मॉकड्रिल पूरे देश में विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में आपातकालीन स्थिति जैसे भूकंप, बाढ़, आगजनी, आतंकवादी हमले, और अन्य संकटों का समाना करने के लिए आयोजित की जाएगी। इसके तहत, सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता, त्वरित प्रतिक्रिया और सामूहिक प्रयासों की जांच की जाएगी।

बैठक में पीएम मोदी और डोभाल ने आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों की भूमिका और समन्वय पर भी चर्चा की। इसके अलावा, मॉकड्रिल के दौरान सरकारी अधिकारियों, राहत संगठनों, पुलिस और सैन्य बलों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की बात भी सामने आई।

केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने मॉकड्रिल के आयोजन के लिए व्यापक योजना बनाई है, जिसमें प्रशिक्षण और उपकरणों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि इस मॉकड्रिल का उद्देश्य केवल प्रशिक्षित करना नहीं बल्कि संकटों के समय में त्वरित, संगठित और प्रभावी प्रतिक्रिया देना भी है।

मॉकड्रिल की तैयारी के दौरान सभी राज्य और केंद्र सरकार के विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने संसाधनों और क्षमताओं को बेहतर बनाएं ताकि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति का सामना किया जा सके। यह मॉकड्रिल आने वाले महीनों में विभिन्न राज्यों में आयोजित की जाएगी, और इसके परिणामों के आधार पर आगामी रणनीतियों को तय किया जाएगा।

सरकार का मानना है कि इस प्रकार की मॉकड्रिल से प्रशासनिक और सुरक्षा बलों के बीच तालमेल में सुधार होगा और देश को किसी भी आपातकालीन स्थिति का प्रभावी और कुशल तरीके से सामना करने के लिए तैयार किया जाएगा।

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